देश-विदेश

वायनाड भूस्खलन में मृतकों की संख्या 84 पहुंची, केरल में दो दिन का शोक घोषित, आर्मी-एयरफोर्स बचाव कार्यों में जुटी

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

कोझिकोड ,। वायनाड भूस्खलन त्रासदी में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब यह आंकड़ा 84 पहुंच गया है। प्रभावित क्षेत्रों में कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। केरल के मुख्य सचिव डॉ. वी. वेणु ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने वायनाड के चूरलमाला में हुए भूस्खलन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। इस गंभीर त्रासदी को ध्यान में रखते हुए, केरल में मंगलवार और बुधवार को दो दिवसीय आधिकारिक शोक रहेगा। इन दोनों दिनों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और राज्य सरकार के सभी आधिकारिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके चूरलमाला, वेल्लारीमाला, मुंडकाईल और पोथुकालू हैं। इन इलाकों के स्थानीय लोग जो किसी तरह बच निकलने में कामयाब रहे, वे इस त्रासदी की भयावहता से बेहद सदमे में हैं।
वेल्लारीमाला में वीएचएसई स्कूल की प्रिंसिपल भव्या अपने छात्रों से संपर्क करने की लगातार कोशिश कर रही हैं। अब तक वह 560 छात्रों से बात कर पाई हैं और 22 से संपर्क नहीं हो पाया है।
उन्होंने कहा, मेरे स्कूल में 582 छात्र हैं। मैं अभी तक 22 से संपर्क नहीं कर पाई हूं। मुझे उम्मीद है कि वे सुरक्षित होंगे और मुझे सिफऱ् इतना लगता है कि उनके फोन चार्ज नहीं हो रहे हैं। पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। इस भीषण बारिश में हमारे स्कूल को नुकसान हुआ है। मैंने अपने कई शिक्षकों से भी बात की है।
मुंडाकायम एक और इलाका है जो प्रकृति के कहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। एनडीआरएफ की टीम इलाके में पहुंच गई है। तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। यह जगह तबाह हो गई है और कई घर नष्ट हो गए हैं।
सेना, एनडीआरएफ, अग्निशमन बल और पुलिस प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान में लगी हुई है। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम, विशेषकर सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में भारी बारिश, बचाव कार्यों में बाधा डाल रही है।
एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा, ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां खराब मौसम के कारण हम अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं। हम ऐसे क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
मुंडाकायम निवासी सफ्फाद ने कहा कि उनके माता-पिता को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनसे संपर्क नहीं हो पाया है और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
एक अन्य निवासी शफीक ने बताया कि वह और इलाके के करीब 300 लोग अब एक रिसॉर्ट में रह रहे हैं। हमें बताया गया है कि एनडीआरएफ की टीमें हमारे पास पहुंच गई हैं और हम बचाए जाने का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि वे जल्दी से जल्दी हमारे पास पहुंच जाएं।
तीन अन्य मंत्रियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हुए राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने कहा कि एमईजी बेंगलुरु से टीमों और राज्य की राजधानी से सेना की एक टीम को हवाई मार्ग से वहां पहुंचाया जा रहा है। कोच्चि से 50 सदस्यीय नौसेना दल भी वायनाड पहुंच रहा है। बताया जा रहा है कि भूस्खलन रात करीब 2 बजे हुआ।
00

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!