हल्द्वानी। हल्द्वानी में दशकों पुरानी इमारतें असुरक्षित श्रेणी में पहुंच चुकी हैं। इनमें आग लगने की घटना होने और मानसून काल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। दमकल विभाग के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। विभागीय अधिकारियों ने मकान मालिकों को सुरक्षा के उपाय करने के साथ ही निवास स्थान बदलने के सुझाव दिए हैं। नैनीताल में हाल ही में सामने आईं आग लगने की दो बड़ी घटनाओं के बाद दमकल विभाग सतर्क हो गया है। हल्द्वानी में वनभूलपुरा, मंगलपड़ाव और बाजार क्षेत्र में निरीक्षण कर दशकों पुरानी ऐसी इमारतों को चिह्नित किया है जिनमें हादसे की आशंका हो सकती है। विभाग को 15 से 20 इमारतें मिली हैं जहां अग्निसुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। मानसून काल के लिए भी इन्हें सुरक्षित नहीं माना गया है। इनमें अधिकतर 60 से 100 साल तक पुरानी लकड़ी की इमारतें हैं। दमकल विभाग ने भवन मालिकों को सुरक्षित स्थानों पर निवास स्थल बनाने के सुझाव दिए हैं। नैनीताल में दो इमारतें हुईं आग से खाक हाल ही में नैनीताल के भवाली और मल्लीताल क्षेत्र में दो आग की घटनाओं ने जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक जून की रात भवाली बाजार में भीषण अग्निकांड हुआ, जिसमें बाजार की पांच दुकानें व भवन जलकर राख हो गए। आग लगने पर लोग जान बचाकर भागे। दमकल कर्मियों और स्थानीय लोगों ने चार घंटे बाद आग पर काबू पाया। वहीं बीती 28 अगस्त को मल्लीताल में ओल्ड लंदन हाउस में आग लग गई थी। जिसमें इतिहासकार प्रो.अजय रावत की बहन 82 वर्षीय शांता बिष्ट की जलकर मौत हो गई थी। दोनों जगह लकड़ी की इमारतें थीं। कोट: टीम के साथ उच्चाधिकारियों के निर्देश पर निरीक्षण किया है। 15 से 20 ऐसी इमारतें को चिह्नित किया है जो कि खतरा हो सकती हैं। भवन मालिकों को सुझाव दिया है कि निवास स्थान संभव होने पर बदला जाए, ताकि किसी घटना से बचा जा सके। मिंदर पाल सिंह, एफएसओ, अग्निशमन विभाग