देहरादून । आतिशबाजी से दून समेत ज्यादातर मैदानी शहरों की हवा में ‘जहर’ घुल गया। चारों ओर पटाखों के शोर के बीच दून में वायु प्रदूषण का स्तर खासा बढ़ गया है। दीपावली के दिन दून का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 270 दर्ज किया गया, जो कि बहुत खराब की श्रेणी में आता है। इससे पहले छोटी दीपावली यानी बुधवार को यह 159 था।हालांकि, बीते वर्ष दीपावली पर दून की आबोहवा ज्यादा खराब थी। सामान्य दिनों में दून की हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रहती है और एक्यूआइ 100 से नीचे रहता है। अभी इसका असर अगले कुछ दिन तक बना रह सकता है। ऐसे में सांस के रोगियों और बच्चे-बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
वायु प्रदूषण की बारीकी से निगरानी
उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली पर दून में घंटाघर, नेहरू कालोनी और ऋषिकेश के साथ ही नई टिहरी में भी वायु प्रदूषण की बारीकी से निगरानी की। दीपावली पर आतिशबाजी सामान्य बात है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनता को जागरूक करने का भी काम किया। अपील की गई कि आतिशबाजी से संयम बरता जाए। अधिक से अधिक ग्रीन पटाखे जलाए जाएं।
इसके अलावा पानी का छिड़काव करने वाले ड्रोन की मदद भी ली गई। ताकि प्रदूषण कण हवा के माध्यम से सांसों में जहर घोलने की जगह जल्द जमीन में बैठ जाएं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल के अनुसार देहरादून में तीन और ऋषिकेश में एक ड्रोन के माध्यम से पानी का छिड़काव किया गया। प्रत्येक ड्रोन से एक बार में 10 लीटर पानी का छिड़काव किया गया। निर्धारित अंतराल में रात से लेकर सुबह तक ड्रोन उड़ाए गए। यह रणनीति भी वायु प्रदूषण कम करने के काम आई।