देहरादून से गौचर हेलीकाप्टर सेवा हवा हवाई ही साबित
चमोली। कोरोना संकट काल अनलॉक डाउन के बाद शुरू हुई घरेलू उड़ान योजना के तहत देहरादून से गौचर हेलीकाप्टर सेवा हवा हवाई ही साबित हो रही है। 18 दिनों बाद भी यह सेवा न तो गौचर तक आने वाले यात्रियों के लिये सुगम हो पा रही और ना ही आर्थिक दृष्टि से लाभकारी बन पा रही है। स्थानीय लोगों और हवाई यात्रा चाहने वाले लोगों ने हवाई कंपनी की ओर से निर्धारित किराये व रुट को अव्यवहारिक बताया जा रहा है। अंदाजा तभी लग गया था जब उड़ान शुरू करने के दिन बिना यात्रियों के हेलीकाप्टर हवाई पट्टी पर उतरा और उड़ गया था। बिना सवारी के राज्य सरकार की उड़ान सेवा घोषणा तक सिमटती नजर आ रही है।राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत बीते फरवरी माह में गौचर-देहरादून और चिन्यालीसौड़-देहरादून हैलीसेवा शुरू की थी। जिसके लिये सरकार द्वारा निर्धारित कम्पनी ने गौचर से देहरादून का किराया 4120 रुपये तय किया। देश में उड़ान सेवा शुरू करने वाला पहला राज्य बनने पर राज्य को केंद्र द्वारा प्रोएक्टिव पुरस्कार भी दिया गया। लेकिन लॉकडाउन में सेवा को बंद कर दिया गया। अब सरकार ने अनलॉकडाउन के तहत सेवा के पुन: संचालन के लिये नई कंपनी से अनुबंध कर 31 जुलाई को सेवा शुरू कर दी। जिसके लिये निर्धारित कंपनी ने गौचर से देहरादून की आवाजाही के लिये गौचर, श्रीनगर, नई टिहरी। होते हुए देहरादून का रूट निर्धारित किया है। ऐसे में सेवा के उपयोग के लिये लोगों को अब करीब 8,700 की धनराशि का भुगतान करना पड़ रहा है। जिसके चलते लोगों द्वारा सेवा के रूट और किराये को अव्यवहारिक बताते हुए उपयोग नहीं किया जा रहा है।