रुद्रप्रयाग में बेस चिकित्सालय के निर्माण की मांग
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग में बेस चिकित्सालय निर्माण की मांग को अब प्रमुखता से उठाया जाने लगा है। जन अधिकार मंच की पहल पर आयोजित सर्वपक्षीय बैठक में एक स्वर से बेस चिकित्सालय के निर्माण की मांग की गई। कहा कि शंकराचार्य माधवाश्रम अस्पताल कोटेश्वर में बेस अस्पताल का निर्माण किया जाए। इसके लिए जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। मुख्यालय स्थित बदरी-केदार मंदिर समिति विश्राम गृह में आयोजित बैठक में जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी एवं महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि जनपद रुद्रप्रयाग में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं की कमजोर स्थिति के कारण जिला चिकित्सालय रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। जगदगुरु शंकराचार्य माधवाश्रम महाराज के प्रयासों से कोटेश्वर में एक अस्पताल का निर्माण किया गया है। यह अस्पताल सरकारी नियंत्रण में आने के दो वर्ष बाद भी जनता के चिकित्सा का केंद्र नहीं बन पाया है।अब इस अस्पताल को बेस अस्पताल बनाना जाना जरूरी है ताकि इसका लाभ सिर्फ रुद्रप्रयाग ही नहीं बल्कि चमोली, टिहरी और बागेश्वर जनपद को भी मिल सके। मंच के संरक्षक रमेश पहाड़ी, प्राथमिक शिक्षक संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रेम सिंह गुसाईं, पूर्व शिक्षक नेता मगनानंद भट्ट ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव से लोग परेशान है। अधिकांश केस रैफर होते रहते हैं। रुद्रप्रयाग में सुविधाओं से लैस बेस अस्पताल की काफी जरूरत है। मंच के कोषाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, संरक्षक मंडल के सदस्य राय सिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार श्याम लाल सुन्दरियाल ने कहा कि बेस अस्पताल के लिए पर्याप्त जमीन है। यहां बुनियादी ढांचा भी तैयार है, जरूरत इसे विस्तार देने की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र बुटोला, उद्योग व्यापार मंडल के पूर्व प्रदेश महामंत्री प्रदीप बगवाड़ी, पूर्व उपाध्यक्ष माधो सिंह नेगी, पूर्व व्यापार सभा अध्यक्ष कांता नौटियाल ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हमें इस लड़ाई को लड़ना होगा। कनिष्ठ प्रमुख शशि नेगी, मंच के महामंत्री एवं पूर्व प्रधान प्रदीप मलासी, दिनेश बर्त्वाल ने कहा कि रुद्रप्रयाग चारधाम यात्रा का अहम पड़ाव है। यात्रा सीजन में यहां लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। यहां बडे अस्पताल की जरूरत है। इस मौके पर मंच के विधि सलाहकर केपी ढोंडियाल, मीडिया प्रभारी भगत चौहान, रुद्रप्रयाग नगर अध्यक्ष प्रकाश रावत, कमल रावत, पुनीत रौथाणने भी विचार रखे।