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बदरीनाथ धाम में गर्भगृह की आरती के सजीव प्रसारण पर तत्काल रोक लगाने की मांग

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नई टिहरी। श्री बदरीनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह की आरती के सजीव प्रसारण को धार्मिक मर्यादायों के विरुद्ध बताते हुए तीर्थ पुरोहित समाज ने तत्काल रोक लगाने की मांग की है। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार वैष्णो देवी, जगन्नाथ धाम, तिरुपति बालाजी आदि तीर्थों के गर्भगृह का दर्शन सजीव प्रसारण से नहीं करवाये जाते हैं। ऐसे में बदरीनाथ धाम में करोड़ों हिंदूओ की आस्था, भक्ति से खिलवाड़ किया जाना उचित नहीं है। श्री बदरीश युवा पुरोहित संगठन ने इस मामले गहरी आपत्ति जताते हुए देवस्थानम बोर्ड के मुख्यकार्याधिकारी को पत्र भेजा गया है। जिसमें आदि गुरु शंकराचार्य की ओर से स्थापित मान्यताओ को सदा ही संरक्षित किये जाने का हवाला देते कहा गया है कि गर्भ गृह किसी भी मंदिर का पवित्रतम स्थल माना जाता है। बदरीनाथ मंदिर में हमेशा गर्भ गृह का चित्रण वर्जित रहा है। इसका दर्शन श्रद्धालु परम्परा से सदैव स्नान आदि से शुद्ध, पवित्र होकर ही करता रहा है। सजीव प्रसारण में श्रद्धालुओं से इस नियम का पालन नहीं करवाया जा सकता। ऐसे में गर्भगृह का दर्शन आदि करवाना किसी भी तरह उचित नहीं कहा जा सकता। देवस्थानम बोर्ड व्यवस्थाओ के सुधार के लिए गठित किया गया है। यदि धार्मिक विधानों मे बोर्ड द्वारा हस्तक्षेप किया जाता है, तो यह करोड़ों हिंदुओंकी आस्था, भक्ति पर कुठाराघात होगा। तीर्थाटन की हानि सहित यह कृत्य प्राकृतिक आपदाओ को भी घटित करने वाला साबित हो सकता है। श्री बदरीश युवा पुरोहित संगठन ने हिंदू धर्मावलबियों की भावनाओ का सम्मान करते हुए गर्भ गृह की आरती के सजीव प्रसारण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। पत्र भेजने वालों में संगठन अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी, सचिव श्रीकांत बडोला, उपाध्यक्ष आशीष कोटियाल, हरिओम उनियाल, प्रफुल्ल पंचभैया, प्रदीप भट्ट, राकेश रैवानी,सतीश राजपुरोहित, राकेश कर्नाटक, सौरभ पंचभैया आदि शामिल हैं।

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