गर्मी में बढ़ी मटके की मांग, सेहत के लिए है रामबांण
बाजार में दो सौ से पांच सौ रुपये तक बिक रहे मटके व सुराही
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : गर्मी का पारा चढ़ने के साथ ही बाजार में मटके व सुराही की मांग बढ़ने लगी है। बाजार में विभिन्न डिजाइनों में मटका, सुराही, कुल्हड़, बोतल व गिलास उपलब्ध हैं। हालांकि इस वर्ष मटका, सुराही व अन्य मिट्टी के बर्तनों के दामों में कुछ बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा ठंडे पानी की इच्छा होती है। लिहाजा गर्मियों में मिट्टी के मटके और सुराही की डिमांड बढ़ने लगती है। अब तो बाजार में मटके के साथ मिट्टी की बोतल भी खूब बिक रही है। इन बोतलों को व्यक्ति अपने बैग में रख आफिस या सफर में भी आसानी से लेजा सकते हैं। बच्चों के लिए स्पेशल मिट्टी के गिलास व बोतल भी बाजार में उपलब्ध है। मटका व सुराही विक्रेताओं ने बताया कि समय के साथ मिट्टी के बर्तनों में भी परिवर्तन किया गया है। पहले बिना ढक्कन वाली मिट्टी की बातले आती थी। जिसे हम केवल घर की टेबल में रख सकते थे। लेकिन, अब इसमें ढक्कन भी लगाया गया है। साथ ही मटके में भी टूटी (नल) लगवाई गई है। टूटी (नल) वाले मटके की कीमत साढ़े चार सौ रुपये है। जबकि, बोतल की कीमत दो सौ से चार सौ रुपये तक है।
सेहत के लिए है रामबांण
गर्मी के मौसम में मटके का पानी औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि मटका या घड़ा पानी की गुणवत्ता को सुधारता है। मटका पानी की सभी अशुद्धियों को दूर कर देता है। फ्रिज का पानी डायरेक्ट पीने से नुकसान करता है। सर्दी-खांसी जुकाम या गले में दर्द होने की संभावना बनी रहती है। लेकिन, मटके के पानी पीने से ऐसा कुछ भी नहीं होता। इसका टेंपरेचर नार्मल होता है। घड़े के पानी के साथ कई मिनरल्स भी शरीर को मिलते हैं।