देहरादून() उत्तराखंड पहाड़ी महासभा की महासचिव गीता बिष्ट ने ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजकर नवंबर, दिसंबर व जनवरी में बिजली कटौती नहीं करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अभी मौसम में थोड़ी ठंड महसूस होने लगी है जिसके साथ ही ऊर्जा निगम की बिजली की खपत प्रतिदिन बढ़ रही है। कहा कि ऊर्जा निगम बाजार से बिजली खरीद रहा है अगर यही स्थिति लगातार बढ़ती रही तो आने वाले महीना में उत्तराखंड वासियों को बिजली कटौती झेलने को विवश होना पड़ेगा। ऊर्जा निगम द्वारा नवंबर माह से राजस्व वसूली अभियान भी शुरू किया जा रहा है। इसके बाद भी ऊर्जा निगम की आर्थिक स्थिति सुधारने का नाम नहीं ले रही है जहां पहले ऊर्जा निगम उपभोक्ताओं से ढाई महीने बाद बिजली का बिल वसूल करता था अब वही वसूली 28 से 35 दिनों में हो रही है और उपभोक्ताओं को पिछले लंबे समय से महंगी बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। गर्मी या फिर ठंड दोनों ही मौसम में जब उपभोक्ताओं को बिजली की अधिक आवश्यकता होती है तो बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली कटौती शुरू कर दी जाती है। कहा कि कटौती की जानकारी उच्च अधिकारियों से मांगी जाती है तो वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते हैं। आरोप लगाया कि बिजली कटौती में भी भेदभाव अपनाया जाता है। कहा कि शहरी क्षेत्रों को कटौती मुक्त रखा जाता है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भारी कटौती की जाती है। बिष्ट ने कहा कि अगर ऊर्जा निगम द्वारा भविष्य में ऊर्जा खपत को देखकर बिजली की व्यवस्था नहीं की गई और उपभोक्ताओं को बिजली कटौती झेलने को विवश होना पड़ा तो वह ऊर्जा निगम के राजस्व अभियान विरोध किया जाएगा। कहा कि स्मार्ट मीटर को स्थापित नहीं होने देंगे।