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दो साल के पेराई सत्र का भुगतान करने की माँग

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-35 हजार किसानों का 200 करोड़ दबाए बैठी है चीनी मिल
रुड़की। बकाया गन्ना भुगतान में इकबालपुर चीनी मिल हमेशा से पिछड़ती आई हैं। 2017-2018 और 2018-2019 के पेराई सत्र का गन्ना और हरियाणा के किसानों का करीब 200 करोड़ रुपये बकाया है। समितियों की ओर से रिमाइंडर नोटिस भेजे जा चुके हैं। लेकिन चीनी मिल की ओर से कोई ठोस कदम उठाया नहीं गया। हालांकि अब गन्ना विभाग सख्त रुख अपनाने के मूड में है। जुलाई में चीनी मिल की खबर लेने की तैयारी में विभाग जुट गया है। इकबालपुर चीनी मिल को लिब्बरहेड़ी, लक्सर, इकबालपुर, डोईवाला और हरियाणा के किसानों ने 2017-2018 और 2018-2019 के पेराई सत्र में लाखों कुंतल गन्ना पेराई सत्र में दिया था। हरियाणा के कुछ किसानों का चीनी मिल की ओर से नगद भुगतान भी किया था। वहीं डोईवाला पर भी कुछ करोड़ रुपए बकाया है। हालांकि लिब्बरहेड़ी समेत अन्य मिलों पर करोड़ों रुपए बकाया है। चीनी मिलों को कई बार समिति की ओर से बकाया गन्ना भुगतान जल्द करने को लेकर रिमाइंडर भेजा जा चुका है। वहीं गन्ना विभाग अधिकारी और जनपद के उच्चाधिकारियों के साथ कई बार वार्ता हो चुकी है। लेकिन मामला अभी तक अधर में लटका है। बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने पर हजारों किसानों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ किसान संगठन भी बकाया भुगतान को लेकर धरना प्रदर्शन और मिल गेट पर विरोध दर्ज करा चुके हैं। सहायक गन्ना आयुक्त शैलेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि जुलाई में चीनी मिल के प्रबंधक के साथ बैठक की जाएगी। जिसमें बकाया गन्ना भुगतान को लेकर वार्ता की जाएगी। प्रयास है कि जल्द से जल्द पिछले दो साल के पेराई सत्र का भुगतान किसानों को मिल जाए।

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