बाजपुर में एक के बाद एक खुल रहे निजी अस्पतालों की जांच कराने की मांग
उधमसिंह नगर। क्षेत्र में एक के बाद एक खुल रहे निजी अस्पतालों की जांच कराने की मांग उठने लगी है। निजी अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर कुछ युवाओं ने तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया है। कहा कि कोरोनाकाल में निजी अस्पतालों की जांच होना और भी जरूरी हो गया है। क्योंकि आएदिन अस्पतालों के डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा होना आम बात है। अस्पतालों में अनुभवी डाक्टर नहीं हैं। ऐसे में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रह है। सोमवार को कुछ युवा एकत्र होकर तहसील कार्यालय पहुंचे जहां राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन रजिस्ट्रार कानूनगो चंद्रपाल सिंह को सौंपा गया। उनका कहना था कि क्षेत्र में जगह-जगह खुले निजी अस्पतालों में बिना अनुभवी चिकित्सकों को रखकर मानव जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना ही नहीं कई अस्पतालों में प्रतिबंध के बावजूद गर्भ की जांच तक की जा रही है। चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से आए दिन शिशुओं व जच्चा की मौत हो जा रही है और इन अस्पतालों में यह घटनाएं आम बात हो चली है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर सांठ-गांठ करके इन्हें छोड़ दिया जाता है। ज्ञापन में निजी अस्पतालों के संचालकों की डिग्री की जांच करवाने व नियमानुसार कार्रवाई करवाने का अनुरोध किया गया है। ज्ञापन देने वालों में उत्तराखंड वाल्मीकि दलित समाज सुधार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वाल्मीकि, समाजसेवी बहादुर भंडारी, जितेंद्र यादव, इरफान, मो. जुनैद, जावेद बारसी, बब्बू सागर आदि मौजूद थे।