लिखित परीक्षा की बाध्यता खत्म करने की मांग उठाई
चम्पावत। लोहाघाट उपजिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्स ने नर्सिंग परीक्षा को रद्द करवाने और सीनियरटी के हिसाब से स्थाई नौकरी में रखने की मांग को लेकर बाहों में काली पट्टी बांधी। इस दौरान उन्होंने सीएम को ज्ञापन भी भेजा है। बुधवार को अस्पताल की स्टाफ नर्स ने नर्सिंग भर्ती में होने वाली लिखित परीक्षा का विरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2621 पदों पर स्टाफ नर्स की प्रस्तावित परीक्षा जून में आयोजित की जानी हैं। उन्होंने कहा कि वह बीते पांच से पंद्रह साल से अनवरत दुर्गम और अतिदुर्गम में भी सेवाएं दे रहे हैं। बताया कि नर्सिंग संवर्ग में आज तक परीक्षा आयोजित नहीं की गई। इसके साथ फार्मासिस्ट, एएनएम और डॉक्टर में भी लिखित परीक्षा आयोजित नहीं की जाती रही। उन्होंने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी पूर्व में कहा कि जो स्टाफ 100 दिन की कोविड की ड्यूटी कर रहा है उसे स्थायी नौकरी में पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर लिखित परीक्षा के बाद उन्हें हटाया जाता है तो वह परिवार का भरण पोषण करने में असमर्थ भी हो जाएंगे। इस मौके पर स्टाफ नर्स अंशू मिश्रा, सीमा महर, सीमा भैसोड़ा, नीतू उपरारी, विनोद उप्रेती आदि शामिल रहे।