देहरादून। यूटीयू सॉफ्टवेयर घोटाले की जांच में शासन के ढुल मुल रवैये से नाराज छात्रों ने शनिवार को सचिवालय गेट के बाहर तकनीकी शिक्षा सचिव के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार और शासन पर कार्रवाई जानबूझकर ना करने का आरोप लगाया। डीएवी कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्विद्यालय में फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण, भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनिमिताओ के आरोपों के खिलाफ शासन ने जांच तो बैठाई थी। लेकिन दो माह बाद भी ना तो जांच रिपोर्ट आयी ना ही इन मामलों में कोई कार्रवाई हो पायी। जबकि शासन ने प्रारंभिक जांच में अनियमितताओं की जांच स्वीकार की थी।इसके बावजूद विवि के कुलपति और अन्य पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग व शासन पर घपलेबाजों को शहर देने का आरोप लगाया। विवि में तकनीकी शिक्षा सचिव की जांच के दौरान विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था । विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने लखनऊ स्थित एक कंपनी के साथ अनुबंध करके एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर का निर्माण कराया। विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच के लिए बीते 5 मई को पांच सदस्यीय कमेटी गठित किए जाने का निर्णय लिया गया। जांच समिति गठन करने के बाद समिति को 15 दिनों का समय भी दिया गया था। छात्रों ने इस मामले में छह करोड के घपले की बात कहते हुए रिकवरी और संलिप्त अधिकारिओं के खिलाफ ईडी की जांच की मांग की। इस दौरान सौरभ सेमवाल,स्वयं रावत,दक्ष रावत,मंथन,आकाश,आर्यन,नितिन सहित कई छात्र मौजूद रहे।