उत्तराखंड

उत्तरकाशी में व्यवसायियों का पर्यटन मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन

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उत्तरकाशी । चार धाम यात्रा में अनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता, प्रदेश वासियों के लिए पंजीकरण बाध्यता एवं दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या सीमित करने को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ क्षेत्र के सभी व्यवसायी एवं स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आये हैं। उत्तरकाशी जिले की गंगा व यमुना घाटी में शनिवार को होटल व्यवसायियों, दुकानदारों, टैक्सी यूनियन, मजदूरों, सहित क्षेत्र के लोगों ने पर्यटन मंत्री की खिलाफ जुलूस निकाला तथा पुतला दहन कर अपना विरोध जताया। वहीं ज्ञापन प्रेषित कर अनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता, प्रदेश वासियों के लिए पंजीकरण बाध्यता एवं दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की सीमित संख्या वाले निर्णय को वापस लेने की मांग की।
शनिवार को तय पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारी, व्यापारी, टैक्सी यूनियन, मजदूरों सहित क्षेत्र के लोग होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र मटूड़ा के नेतृत्व में हनुमान चौक पर एकत्रित हुए। जहां सभी व्यवसायियों ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से आगामी चारधाम यात्रा में यात्रियों के अनिवार्य पंजीकरण व यात्रियों की संख्या सीमित किए जाने को लेकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर होटल कारोबारियों ने कहा कि गंगोत्री घाटी में 20 से 25 हजार पर्यटकों के ठहरने कि समुचित व्यवस्था है। बावजूद यात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है। उन्होंने सरकार द्वारा स्थानीय निवासियों के लिए भी अनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, जबकि स्थानीय निवासियों को कई बार अन्य कारणों से भी धामों में जाना पड़ता है। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। जो हनुमान चौक से बस अड्डा व भटवाड़ी रोड होते हुए कलक्ट्रेट चौराह पर पहुंची। जहां पर उन्होंने मंत्री का पुतला दहन किया और विरोध जताया। वहीं इसके बाद एडीएम तीर्थ पाल के माध्यम से सीएम को ज्ञापन प्रेषित कर गए निर्णय को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन में अजय पुरी, माधव जोशी, खुशाली सिंह नेगी, प्रकाश भद्री, बिदेंश कुड़ियाल, सुरेश राणा, रमेश चौहान, अंकित उप्पल, सुभाष कुमाई, दीपेन्द्र पंवार आदि मौजूद रहे।

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