देहरादून। पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के तहत कर्मचारियों ने यूपीएस का विरोध किया। आक्रोशित शिक्षक-कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। सरकार से शीघ्र ही पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की है। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने एक अप्रैल से यूपीएस लागू करने की घोषणा की है। इस पेंशन योजना में कई खामियां हैं। कर्मचारियों की वेतन से होने वाली दस फीसदी कटौती की राशि की वापसी नहीं होगी। जबकि पुरानी पेंशन में कर्मचारियों को रिटायमेंट पर यह राशि वापस मिलती थी। पुरानी पेंशन योजना में राज्य में 20 वर्ष की सेवा के पश्चात पूरी पेंशन का प्राविधान था, जो अब 25 वर्ष के पश्चात भी पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं होगी। एक ही राज्य में तीन प्रकार की पेंशन मिलेगी, जो समानता के अधिकारों का सरासर उल्लंघन है और कर्मचारियों को आपस में बांटने का प्रयास प्रतीत होता है। सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सा प्रतिपूर्ति का प्राविधान भी नहीं है, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है। उन्होंने यूपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की है। इस मौके पर प्रांतीय अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, महामंत्री मुकेश रतूड़ी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, प्रचार प्रसार मंत्री हर्षवर्धन जमलोकी, कोषाध्यक्ष शांतनु शर्मा, जनपद अध्यक्ष सुनील गुसाईं, गोपाल सिंह, पूर्ण राणा, विजेंद्र कंडारी, जयपाल सिंह, अनिल सिंह पंवार, सुरेंद्र श्रीकोटी, आशीष यादव, होशियार सिंह गुसाईं, अर्चना बंगवाल, उषा भंडारी, संजय भारद्वाज, रज्जाक अहमद, राजेश कुमार, सुदर्शन सिंह राणा, दीपक सिंह पवार, विकास तोपवाल, आशीष नौटियाल, अजय नेगी, विद्या दत्त जोशी, देवेश नेगी, हंसराज सिंह, मनोज कुमार, एकता सिंह, पंकज बिष्ट, अरुण उनियाल, केके राज मौजूद रहे।