अतिथि शिक्षकों का निदेशालय पर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन
देहरादून। सभी रिक्त पदों को आरक्षित करने और नियमितीकरण के लिए ठोस नीति बनाने की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों ने आंदोलन शुरू कर दिया। शुक्रवार को अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा निदेशालय में सरकार और शिक्षा विभाग पर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और बेमियादी धरना शुरू कर दिया। संयुक्त निदेशक-माध्यमिक डॉ. मुकुल कुमार सती ने अतिथि शिक्षकों के साथ एक दौर की वार्ता की लेकिन ठोस समाधान न निकल पाया। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि वर्ष 2015 से प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों को लगातार छला जा रहा है। अब जब तक अतिथि शिक्षको के सुरक्षित भविष्य के लिए ठोस फैसला नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। इसके तहत सचिवालय, सीएम आवास, शिक्षा मंत्री आवास भी कूच किए जाएंगे। सुबह करीब 10 बजे से ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय में अतिथि शिक्षक पहुंचना शुरू हो गए थे। दोपहर बारह बजे तक संख्या बढ़ने पर अतिथि शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। परिसर के भीतर बने पांडाल के भीतर धरना देकर बैठ गए। अपराह्न संयुक्त निदेशक-माध्यमिक शिक्षा डॉ. सती ने अतिथि शिक्षकों को वार्ता के लिए बुलाया। डॉ. सती ने कहा कि अतिथि शिक्षकों की अधिकांश मांगों पर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे जा चुके हैं। उन पर कार्यवाही भी जारी है। इस पर संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट़ट और कार्यकारी अध्यक्ष आशीष जोशी ने कहा कि यदि सभी पदों केा आरक्षित कर दिया जाए और व्यायाम शिक्षकों के पदों पर भी तैनाती देने का निर्णय हो जाता तो आंदोलन वापस लेने पर विचार किया जा सकता है। ऐसा न होने पर आंदोलन जारी रहेगा। वार्ता में ठोस हल न निकलने पर अतिथि शिक्षक वापस धरना स्थल लौट गए। भट़ट ने कहा कि आज से आंदोलन की शुरूआत कर दी गई। पर्वतीय क्षेत्रों में रास्ते बंद होने से सैकड़ों की संख्या में अतिथि शिक्षक रास्तों में फंसे हैं। जल्द ही सभी दून पहुंचेंगे।
रहे मौजूद:
विक्की रावत, पुनीत पंत, बबीता पंत, अनिता भट़ट, ज्योति पालीवाल, स्वाति भट्ट, अजय भारद्वाज, ममताल, रेखा गौड़, सुखदेव शाह, भूपाल सिंह, विनय भट्ट,जगदंबा प्रसाद, अंकित कुमार, पूर्णिंमा, दिलीप नेगी, शोभा, मीनाक्षी उनियाल आदि।