12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशाओं ने किया प्रदर्शन
पिथौरागढ़। आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के विरोध में जुलूस निकाला। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कहे जाने वाली आशा कार्यकत्रियों का सरकार उत्पीड़न कर रही है। कहा शासन स्तर से मिलने वाले प्रत्येक कार्यो का वह बखूबी निर्वाह करती हैं, लेकिन बदले में उन्हें कोई मेहनताना नहीं मिलता। शुक्रवार को जिला मुख्यालय सहित मूनाकोट, धारचूला, डीडीहाट, कनालीछीना, बेरीनाग, गंगोलीहाट से आशा कार्यकत्रियां रामलीला मैदान में पहुंची। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।बाद में उन्होंने संगठन की जिलाध्यक्ष इंद्रा देउपा के नेतृत्व में बाजार में जुलूस निकाला। कार्यकत्रियों ने कहा सरकार ने मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने को आशाओं की नियुक्ति की। लेकिन वर्तमान समय में आशाओं पर काम का बोझ लाद दिया गया है। शासन-प्रशासन की ओर से किए जाने सर्वे कार्य को आशाओं पर थोप दिया जाता है, लेकिन इसके बदले उन्हें कोई भुगतान नहीं किया जाता। वर्तमान समय में आशा स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बन गई है। इसके बावजूद सरकार आशाओं की सुध नहीं ले रही है। कहा लंबे समय से वे 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रयासरत हैं, लेकिन सिवाय आश्वासन के उन्हें कुछ नहीं मिला। कार्यकत्रियों ने कहा अब अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर शीघ्र ही सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।