राष्ट्र की उन्नति हेतु प्रयास करना सबकी नैतिक कर्तव्य
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आर्य समाज कोटद्वार के तत्वावधान में अष्टांग योग एवं विज्ञान कक्षा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ हवन एवं यज्ञ से हुआ। मुख्य वक्ता दिव्य प्रकाश ने युवाओं ने आह्वान करते हुए कहा कि युवक-युवतियों को गलत संगत व कुसंस्कारों में न फंसकर राष्ट्र रक्षा हेतु आगे आना होगा। राष्ट्र, धर्म व संस्कृति बचाने हेतु हम सभी को प्रयास करना होगा। राष्ट्र की उन्नति हेतु प्रयास करना सबकी नैतिक कर्तव्य है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता दिव्य प्रकाश ने कहा कि अष्टाग योग महर्षि पतंजलि द्वारा प्रदत्त वह शिक्षा है जो बालक व बालिकाओं को श्री राम, श्री कृष्ण, माता सीता तथा माता रूकमणी के समान चरित्रवान एवं संस्कारवान बना देती है। उन्होंने कहा कि सर्वज्ञ अफरा तफरी का माहौल है, व्यक्तियों को मानसिक अशांति व कुसंस्कारों ने अपनी गिरफ्त में जकड़ लिया है। जिसका सबसे बड़ा अज्ञानता है। उन्होंने कहा कि आज मानव की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है, जबकि हमारे सम्पूर्ण शरीर को बुद्धि ही संचालित करती है। जब बुद्धि का ही नाश हो जाता है तभी दिशा भी खराब हो जाती है, जिस कारण दशा भी प्रभावित हो जाती है। कार्यक्रम में महेश वर्मा, आनन्द, कैलाश वर्मा, हरीश वर्मा, दीपक फूल, विभू ग्रोवर, हिमांशु, सुखदेव, दीपक बत्रा, लक्ष्मीनारायण वर्मा, आशुतोष वर्मा, शूरवीर सिंह, महानंद, प्रभु दयाल वर्मा, दिनेश जुयाल, रश्मि चौधरी, विजय, सरिता बहुगुणा, अल्का बिष्ट, सुशील गुप्ता, कीर्ति, दमयन्ती नेगी, विजय लक्ष्मी, दर्शनी, कामिनी आदि उपस्थित रहे।