उत्तरकाशी। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में आस्था के नाम पर भगीरथी व यमुना नदियों को दूषित किया जा रहा है। यात्री और स्थानीय लोग नदी में कपड़े प्रवाहित कर रहे हैं, जिससे नदियां प्रदूषित हो रही हैं। जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से इसको लेकर लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, बावजूद समस्या जस की तस बनी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु गंगा-यमुना के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वहां पर आस्था के नाम पर श्रद्धालु नदियों में वस्त्र भेंट करते हैं। साथ ही नदी किनारे स्नान करने वाले लोग भी अपने कपड़े वहां पर छोड़ देते हैं। इससे भगीरथी और यमुना इन कपड़ों से दूषित हो रही है। इस संबंध में जिला प्रशासन और गंगा प्रदूषण इकाई से जुड़े लोग कई बार वहां पर स्वच्छता अभियान चला चुके हैं। इसके साथ ही यात्रियों को जागरूक कर चुके हैं, बावजूद इसके लोग नदियों में कपड़े डाल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर गत वर्ष नदी से निकाले गए कपड़ों का निस्तारण नहीं हो पाया है। उनको नदी से निकालने के बाद भी यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में कई जगह एकत्रित किया गया है। इससे वे बारिश और अन्य गलतियों के कारण सीधा नदी में गिर रहे हैं। इसको लेकर गंगा विचार मंच की ओर से भी दोनों धामों में स्वच्छता अभियान चलाया गया, लेकिन धरातल पर कहीं भी कोई असर नहीं दिख रहा है।