उत्तराखंड

पीएम मोदी के आदि कैलास-ओम पर्वत दर्शन के बाद पहुंचे भक्तजन, यात्रा रूट पर कई डेंजन जोन; ये रखें सावधानी

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पिथौरागढ। पीएम मोदी के आदि कैलास और ओम पर्वत के दर्शन के बाद भारी संख्या में भक्तजन दर्शन करने को पहुंच रहे हैं। लेकिन, चिंता की बात है कि यात्रा रूट पर कई डेंजर जोन हैं। ऐसे में सफर के दौरान यात्रियों को सावधानी रखने की जरूरत है। आदि कैलास और ओम पर्वत के दर्शन कर आपको आनंद की अनुभूति होगी ये बात तय है लेकिन साथ ही ये भी सुनिश्चित है कि सड़क मार्ग से यहां पहुंचने के लिए आपको खासे पापड़ बेलने पड़ेंगे। धारचूला से आदि कैलास तक 110 किमी के सफर में खतरे तो बहुत हैं लेकिन 14 जोन ऐसे हैं जहां आप निश्चिंत होकर चल नहीं सकते। कुछ जगहों पर ये डेंजर जोन बारिश के कारण आए मलबे से बने हैं तो कुछ जगहों पर सकरी सड़क का संकट है। इन दिनों तीर्थाटन और पर्यटन के चलते सड़क पर बढ़े यातायात ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। साल 2020 में धारचूला और आदि कैलास सड़क से जुड़े। अब लोग एक दिन में आदि कैलास के दर्शन कर वापस धारचूला भी आ जा रहे हैं। इससे पहले यह यात्रा 6 दिन से अधिक पैदल पड़ावों में रहकर पूरी होती थी। अब महज सात घंटे में हो रही इस यात्रा का समय तो घटा है लेकिन खतरे बढ़ गए हैं। नव निर्मित इस सड़क पर तवाघाट से आदि कैलास तक 14 से अधिक डेंजर जोन हैं। आदि कैलास जाते समय बुंदी से छियालेख तक लगभग 6 किमी सड़क यात्रियों के धैर्य की परीक्षा लेती है। इससे आगे गर्ब्यांग तक का सफर भी आसान नहीं है। ढलान होने के कारण वाहन पर नियंत्रण रख पाना चालक के लिए पहली चुनौती होता है। इसके अलावा भी कई मुश्किलें सामने आती हैं। धारचूला के व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेन्द्र थापा बताते हैं कि पिछले तीन सालों में लगातार यात्रियों की संख्या तो बढ़ी है। लेकिन सड़क की दशा ठीक करने के लिए उस तेजी से काम नहीं किया गया। उच्च हिमालयी क्षेत्र होने के कारण यहां भौगोलिक दिक्कतें हैं इसके बावजूद मार्ग को तत्परता से ठीक करने की जरूरत है। यहीं दोबाट से तवाघाट के बीच सड़क निर्माण का काम चल रहा है। यहां करीब 10 किमी सड़क में कटिंग के बाद छोड़ी गई पहाड़ी से भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। इस वर्षा काल में यहां पर यात्रियों को गुजरते समय विशेष सावधानी बरतनी होगी।
2023 में 6 की मौत हो गई थी: पेलसिटी के पास भी यह सड़क बेहद खतरनाक है। चट्टान गिरने से लगातार यहां पर हादसों का खतरा बना रहता है। बूंदी झरने के समीप वर्ष 2023 में एक जीप के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी।
गर्ब्यांग से आगे व नपलच्यू के बीच में सड़क खतरनाक है। एक स्थान पर तो ऐसी स्थिति है कि चालक को चढ़ाई में वाहन से आगे कुछ नहीं दिखाई देता। इस सड़क को ठीक किया जाए तो यात्रा आरामदेह हो जाएगी। -अश्विनी नपलच्याल, नपलच्यू
यह सड़क अभी निर्माणाधीन है। बीआरओ को सभी जगह सड़क सुरक्षित यातायात के लायक बनाने के लिए कहा गया है। इस संबंध में उन्हें तकनीकी जानकारी दे दी गई है।
-कृष्ण चन्द्र पलडिया, एआरटीओ, पिथौरागढ़
ऐसे करें सुरक्षित यात्रा: –
-निजी वाहन से जा रहे हैं तो ऊंचाई वाली गाड़ी रखें
-पहाड़ पर चलने का अनुभवी चालक साथ हो
-गाड़ी की मरम्मत के लिए पर्याप्त उपकरण वाहन में हों हवा भरने के लिए पंप अवश्य साथ रखें
-यात्रा पर निकलने से पहले स्टेपनी अवश्य रख लें

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