देवप्रयाग से ऋषिकेश तक बस सेवा न होने से यात्री परेशान
नई टिहरी। देवप्रयाग-ऋषिकेश मार्ग पर बीते आठ महीने से बस सेवा न चलने से क्षेत्र की हजारों की आबादी यातायात का संकट झेलने की मजबूर है। इस मामले में प्रशासन के ढुलमुल रवैये से छोटे वाहन स्वामी जमकर गरीब जनता की जेब काट रहे हैं। क्षेत्रीय जनता ने परिवहन मंत्री से इस मार्ग पर तत्काल बस सेवा शुरू करने की मांग की है। ऑल वेदर रोड निर्माण के चलते देवप्रयाग क्षेत्र की जनता को पिछले मार्च से काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऋषिकेश- देवप्रयाग के मध्य स्थित 70 किमी राजमार्ग में ऑल वेदर रोड निर्माण से सबसे बड़ी मुश्किल यातायात की बनी है। एनएच की ओर से इस वर्ष 22 मार्च को तोता घाटी में रोड कटिंग के लिए दस दिन का पहला शटडाउन लिया गया था। उसी समय ऋषिकेश से देवप्रयाग, हिंडोलाखाल, पौड़ीखाल, जाखणीधार आदि को चलने वाली बस सेवाएं भी बंद हो गयी थी। जबकि श्रीनगर और आगे के स्थानो के लिए टिहरी, मलेथा से होकर बस सेवाएं यथावत जारी रही। एनएच ने बीते सितम्बर में तोताघाटी मे कटिंग पूरी कर लिए जाने के बाद राजमार्ग छोटे वाहनों के लिए खोल दिया था। जिस पर यहां से प्रतिदिन रिकॉर्ड छोटे वाहनो की आवाजाही हो रही है। टेंपो ट्रैवल को चलने के साथ ही यहां से खाली ट्रकों को ऋषिकेश वापिस जाने की अनुमति दी गयी है। मगर प्रशासन अभी भी तोता घाटी में जोखिम की बात कहते हुए बस सेवा शुरू करने के पक्ष में नहीं है। क्षेत्रीय जनता का कहना है कि सभी वाहनों के लिए यहां एक सा जोखिम होने के बाबजूद बस सेवा को ही बन्द किया गया है। बस नहीं चलने का सीधा फ़ायदा छोटे वाहन चालक उठा रहे हैं। जो ऋषिकेश से प्रति सवारी दो से ढाई सौ तक किराया वसूल रहे हैं। ऋषिकेश आना-जाना पांच सौ तक पड़ने से आम लोगो पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। जबकि बस का किराया महज सौ रुपये तक का है। ऋषिकेश से छोटे वाहन देवप्रयाग के बजाय आगे की सवारियों को बिठाने को अधिक प्राथमिकता देते हैं। ऐसे मे देवप्रयाग वासियों को ज्यादा किराया देने के साथ ही मिन्नतें भी करनी पड़ती है। जिपंस नरेंद्र रावत के अनुसार इस बारे में उन्होंनें परिवहन मंत्री से वार्ता के साथ ही पत्र भी भेजा है। क्षेत्रीय जनता ने ऋषिकेश से देवप्रयाग व हिंडोलाखाल क्षेत्र तक मिनी बस सेवा तत्काल शुरू करने की मांग सरकार से की है।