टिहरी। बरसात के मौसम में मानव-जीव संघर्ष बढ़ने की संभावना को देखते हुए डीएफओ टिहरी डिवीजन पुनीत तोमर ने कहा कि आने वाले सितंबर-अक्टूबर तक ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अहतियात बरतने की जरूरत है। खासकर प्रतापनगर व घनसाली के घने वनों से आच्छादित ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को तत्परता दिखाना जरूरी है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीएफओ तोमर ने कहा कि बरसात के दिनों में जंगलों व ग्रामीण क्षेत्र में झाड़ियों के उगने से मानव-जीव संघर्ष की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में ग्रामीण आसपास झाड़ियों का नियमित कटान करें, ताकि जानवरों को छुपने व घात लगाने की जगह न मिले। अकेले में न निकलें और बच्चों को शाम को या अंधेरे में अकेल न छोड़ें, न ही बाहर जाने दें। बीते दो दिन पहले ही प्रतापनगर के एक गांव में घर के आंगन में बच्चे पर गुलदार के हमले की घटना सामने आ चुकी है। जिसे लेकर गुलदार संभावित ग्रामीण क्षेत्रों में गश्त तेज कर दी गई है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर कैमरे भी लगाये जा रहे हैं। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में बंदरों के आतंक पर कहा कि नगर क्षेत्र के मौहल्लों में लोग बंदरों या जंगली जानवरों को खाना न परोसें, बंदरों से पर्याप्त दूरी बनाये रखें। बंदरों से बचाव के लिए शहरी क्षेत्र के मौहल्लों में जागरूकता अभियान चलाया जायेगा और नगर पालिका को बंदरों के पकड़ने के लिए अभियान चलाने को कहा जायेगा। गुलदार के मौजूदगी की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को तत्काल दें। ताकि गश्त के साथ ही आवश्यक सुरक्षात्मक कदम वन विभाग समय से उठा सके।