उत्तराखंड

हिन्दी भाषा के प्रसार में डा़मीनू का अमूल्य योगदानरू श्रीमहंत रविन्द्र पुरी

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हरिद्वार। एसएमजेएन कालेज की पूर्व छात्रा डा़मीनू पाराशर को दुबई में साहित्य गौरव पुरूस्कार से सम्मानित किए जाने पर कालेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य गौरव पुरूस्कार हासिल कर डा़मीनू पाराशर ने कालेज का मान बढ़ाने के साथ हिन्दी भाषा को विदेश में प्रसारित करने में अमूल्य योगदान दिया है। कालेज के प्राचार्य डा़सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि कई वर्षों से ड मीनू विदेश में रहकर ऐसी अनेक संस्थाओं के साथ कार्य कर रही हैं जो न सिर्फ अहिंदी भाषियों को हिंदी भाषा से जोड़ती हैं। अपितु उन्हें कुशल हिंदी वक्ता बनाने में भी सहयोग करती हैं। साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक समुदाय के साथ मिलकर अँग्रेजी भाषा की सामग्री को हिंदी में अनुवादित करने में भी विशेष योगदान दिया है। डा़बत्रा ने बताया कि डा़मीनू पाराशर ने डीपीएस कतर की वरिष्ठ शिक्षिका के रूप में भी महवपूर्ण भूमिका निभाई है। वे निरंतर हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में पूरी तरह से संलग्न हैं। इसके लिए कतर में स्थित भारतीय दूतावास की ओर से भी उन्हें विशेष आयोजनों में सम्मिलित किया जाता है। डा़बत्रा ने बताया कि मीनू ने 1999 में एसएमजेएन कालेज से हिंदी साहित्य से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी। इसके बाद महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा़अशोक मिश्र के निर्देशन में उन्होंने अपना शोध कार्य सम्पन्न किया। डा.अजय पाठक ने बताया कि डा़मीनू पाराशर अपनी कुशाग्रता एवं सौम्य व्यक्तित्व के कारण प्रारम्भ से ही अध्यापकों की प्रिय छात्रा रही हैं। कालेज की पत्रिका अभिव्यक्ति में उनके लेख व कविताएँ प्रति वर्ष छपते थे। लेखन के साथ उन्होंने पत्रिका के संपादन में भी अपना सहयोग दिया है।
उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले प्रतिभावान भारतीय नागरिकों को संस्ति युवा संस्था द्वारा प्रति वर्ष भारतीय गौरव पुरस्कारश् से सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में डा़मीनू पाराशर द्वारा लम्बे समय से हिंदी साहित्य के प्रति किए जा रहे निरंतर प्रयासों के आधार पर उन्हें साहित्य गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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