धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ है स्नान रद करना
हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा स्नान रद किए जाने और कुंभ की स्थिति स्पष्ट न करने पर संतों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए। प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के अध्यक्ष रूपेंद्र प्रकाश ने इसे धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ बताया है। उन्होंने जिला प्रशासन के द्वारा लिए गए निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब प्रत्येक सरकारी विभाग में पूरी भीड़ रहती है और बाजारों के बिना किसी रोकटोक के पूरा व्यापार चल रहा है तो फिर गंगा स्नान पर रोक क्यों?
उन्होंने कहा कि जिला पुलिस प्रशासन को नियम कायदों को लागू कराकर स्नान कराना चाहिए था। अन्य प्रदेश से आने वाले स्नानार्थियों के लिए बार्डर पर सुरक्षा तो बढ़ा दी है, लेकिन स्नान कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि जिला प्रशासन की मनमानी बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि जब कोई आयोजन कराना ही नहीं है तो सीधा आदेश जारी करते हुए बार्डर ही पूरी तरह से सील कर दो।
उन्होंने कोविड-19 के लिए दिए गए बजट की भी जांच कराने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि केवल पुलिस चालान काटने तक ही सीमित रह गई, जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई अस्पताल या ऐसी व्यवस्था नहीं की गई जिससे स्थानीय मरीजों को हरिद्वार में ही इलाज मिल सके। इसी के साथ उन्होंने कहा कि ऐसे में कुंभ- 2021 के होने पर सवाल उठने लगे हैं। जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत स्वयं कुंभ को दिव्य और भव्य कराने के लिए प्रयासरत हैं। सरकार ने पर्याप्त बजट भी उपलब्ध कराया हुआ है, लेकिन प्रशासन की तैयारियां शून्य नजर आ रही है। जो काम पिछले साल हो जाने चाहिए थे, वे अभी तक अधूरे हैं। इससे लगने लगा है कि प्रशासन कुंभ-2021 को नहीं कराना चाहता है।