ऋषिकेश। ऋषिकेश में फिर कोहरा छाने से ठिठुरन बढ़ गई। कोहरे के कारण दिन में ही हेडलाइट जलाकर वाहन दौड़ते नजर आए। घने कोहरे का असर आम जनजीवन पर भी पड़ता दिखा। इसके चलते ज्यादा लोग घरों में ही दुबके रहे। बाजारों के साथ गंगा घाटों पर अन्य दिनों की अपेक्षा चहल-पहल कम दिखी। कोहरे के चलते आवागमन भी प्रभावित रहा। मंगलवार की सुबह ऋषिनगरी और आसपास के इलाके कोहरे के आगोश में डूबे रहे। सड़क पर वाहन लाइट जलाकर गुजरते दिखे, तो हादसे से बचने के लिए ज्यादातर वाहनों की पार्किंग लाइट भी जली नजर आई। विजिबिलिटी की दिक्कत से धीमी रफ्तार में वाहन नेशनल हाईवे से लेकर शहर के आंतरिक मार्गों से गुजरे। सुबह करीब 11 बजे तक आसमान कोहरे से ढका होने से बाजार में भी चहल कम रही, लेकिन एकाएक दोपहर में चटक धूप ने लोगों को राहत जरूर दी। दिन ढलने के बाद फिर से आसमान को कोहरे ने घेर लिया। सड़कों पर भी कोहरा उतरने से वाहनों सवारों की मुश्किलें बढ़ी दिखी। अमूमन शाम को गुलजार रहने वाले पर्यटक स्थलों पर भी ऋषिकेश में भीड़भाड़ न के बराबर रही।
सवारियों की कमी से घटी रोडवेज की कमाई
रोडवेज के ऋषिकेश डिपो से रोजाना दिल्ली, यूपी और अन्य राज्यों के लिए रोजाना 80 बसों का शेड्यूल है। इनमें देहरादून रूट की बस भी शामिल है। सामान्य दिनों में रोजाना रोडवेज का यह डिपो औसतन लगभग 17 लाख रुपये की कमाई सवारियों के माध्यम से कर रहा था, लेकिन कोहरे की वजह से सवारियों को भी रूटों पर टोटा है, जिससे रोजाना करीब 13 लाख रुपये ही निगम की बसें कमा पा रही हैं। अभी तक कोहरे से डिपो की बसों के समय सारिणी पर असर कम ही पड़ा है, लेकिन कोहरा बढ़ता है, तो इससे बसों को आवागमन भी प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। एजीएम प्रतीक जैन ने बताया कि कोहरे की वजह से सवारियों की संख्या हर दिन घट रही है।
एक से दो घंटे देरी से पहुंच रहीं ट्रेनें
ऋषिकेश में योगनगरी रेलवे स्टेशन पर लंबी दूरी की प्रतिदिन एक दर्जन ट्रेन पहुंचती हैं, मगर कोहरे से इन रेल सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा है। लगभग हर ट्रेन रोजाना एक से दो घंटे की देरी से स्टेशन तक पहुंच रही है। स्थिति यह है कि ऋषिकेश-पुरी एक्सप्रेस को भी रेलवे को इसी वजह से निरस्त तक करना पड़ गया है। मुरादाबाद मंडल के प्रबंधक आदित्य गुप्ता के मुताबिक ट्रेन के अत्याधिक देरी से पहुंचने के चलते यह फैसला लिया गया है।