मिड-डे मील में भोजनमाता प्रकरण को लेकर विवाद खत्म
चंपावत। चंपावत जिले के सूखीढांग में भोजनमाता प्रकरण को लेकर एक सप्ताह तक चले विवाद का आखिरकार पटाक्षेप हो गया। यहां सोमवार को स्कूल पहुंचे सभी सवर्ण और एससी बच्चों के साथ सीईओ, बीईओ और शिक्षकों ने भोजन किया। मध्यान्ह भोजन सवर्ण भोजनमाता ने तैयार किया। हालांकि विवाद की जड़ तक पहुंचने के लिए कमेटी की जांच जारी रहेगी।
सोमवार को सूखीढांग में छठी से आठवीं तक के 66 बच्चों में से 61 बच्चे स्कूल पहुंचे। दोपहर में एससी और सवर्ण वर्ग के बच्चों ने खाना खाया। इसके साथ ही बच्चों में सकारात्मक सोच लाने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और शिक्षकों ने भोजन किया। यहां स्कूल में एकमात्र सवर्ण भोजनमाता विमलेश उप्रेती ने खाना बनाया।
वहीं दूसरी भोजनमाता की नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग की ओर से शासन की गाइडलाइन के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। सीईओ ने यहां भोजन के पश्चात स्कूल प्रबंधन और पीटीए के साथ मामले को लेकर बैठक भी की है। विभाग के मुताबिक मामले की जांच जारी रहेगी। जांच सदस्यीय कमेटी में सीईओ आरसी पुरोहित, जिला पंचायत के एएमए राजेश कुमार और एपीडी विम्मी जोशी शामिल हैं। सोमवार से इसकी जांच शुरू कर दी गई हैं। तीन दिन बाद जांच रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी।
यह है पूरा मामला
सूखीढांग इंटर कलेज में भोजनमाता की भर्ती के लिए 10 महिलाओं ने आवेदन किया था। 25 नवंबर को प्रबंध समिति ने परित्यक्ता पुष्पा भट्ट के नाम पर मुहर लगाई। लेकिन बीईओ स्तर से अप्रूवल नहीं लिया गया। इससे पहले ही एक गुट के विरोध पर स्कूल प्रबंधन ने दूसरी विज्ञप्ति जारी कर दी। जिसमें 11 महिलाओं ने आवेदन किया था। समिति ने एससी वर्ग की सुनीता देवी के नाम पर मुहर लगाई। प्रधानाचार्य ने मौखिक रूप से सुनीता देवी को तैनाती दे दी। इसके बाद ृसवर्ण बच्चों ने एमडीएम खाना छोड़ दिया था। मामला तूल पकड़ने पर प्रधानाचार्य ने सुनीता को टुट्टी पर भेज दिया था। जिसके बाद एससी वर्ग के बच्चों ने सवर्ण भोजनमाता के हाथों का खाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद एसडीएम की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में आम सहमति बनी।
सोमवार को सभी बच्चों के साथ हमने और स्कूल स्टाफ ने खाना खाया है। सभी बच्चे खाने के लिए सहमत हो गए हैं। मामले में चयनित तीन सदस्यीय टीम विवाद की जांच करने के बाद रिपोर्ट डीएम को भेजेगी। -आरसी पुरोहित, सीईओ, चम्पावत।