सिल्क उद्योग के लिए हों प्रयास : जिलाधिकारी
-जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने कोटद्वार के रेशम फार्म का किया निरीक्षण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जनपद में कोटद्वार व श्रीनगर में रेशम विभाग के फार्म हैं, लेकिन यहां रेशम विभाग का कोई भी प्रोसेसिंग प्लांट नहीं है, जबकि देश में गढ़वाल सिल्क काफी पसंद किया जाता है। यहां सिल्क उद्योग को स्थापित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए, जिससे उसे मॉडल के रूप में विकसित कर किसानों को प्रोत्साहित किया जा सकता है। यह बात जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बुधवार को कोटद्वार के रेशम फार्म का निरीक्षण करते हुए कही।
जिलाधिकारी डॉ. जोगदंडे ने पूर्वी झंडीचौड़ स्थित रेशम फार्म का निरीक्षण करते हुए तहसीलदार को निर्देशित किया कि रेशम विभाग की भूमि का सीमांकन करने और जो जमीन अभी तक विभाग के नाम पर नहीं है उसे जल्द ट्रांसफर करना सुनिश्चित करें। साथ ही रिपोर्ट एक माह के भीतर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने रेशम विभाग से संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद में रेशम फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए निदेशालय स्तर पर मॉडल डीपीआर प्राप्त कर आकलन करके एक माह में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, जिससे आगे की कार्यवाही प्रारम्भ की जा सकें। इस अवसर पर तहसीलदार विकास अवस्थी, जनपद प्रभारी रेशम विभाग राजवीर डाबरा, कोटद्वार प्रभारी यशपाल सिंह रावत, अधिशासी अभियंता लोनिवि डीपी सिंह सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
दिसंबर तक पूरा हो जाएगा कोटद्वार के पुलों का निर्माण कार्य
जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने कोटद्वार तहसील के अंतर्गत लालपुर घराट रोड स्थित निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन पुल में कुछ कार्य किया जा चुका है और बरसात तक अधिकांश कार्य पूर्ण कर जायेंगे। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 तक संपूर्ण कार्य पूर्ण होने की संभावना है। उन्होंने कार्यदायी संस्था को पुल की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने देवी रोड स्थित पुल का भी निरीक्षण किया और कटाव को रोकने के लिए सुरक्षा वाल लगाने के निर्देश दिए।