डीएम अध्यक्षता में हुई जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की जिला समिति की बैठक आयोजित
देहरादून। कलेक्टे्रट सभागार में जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की जिला समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था जल संस्थान और पेयजल निगम से जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत किये गये कार्यों तथा थर्ड पार्टी द्वारा कार्यों की निगरानी की रिपोर्ट प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि सभी सम्बन्धित विभाग पेयजल से सम्बन्धित कार्यों को धरातल पर गंभीरता से इम्प्लिमेंट करें। उन्होंने पेयजल निगम और जल संस्थान को निर्देशित किया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत कराये गये पेयजल कार्यों की 05 बिन्दुओं पर 55 एलपीसीडी(लीटर पर कैपिटल परडे अर्थात लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन) उपलब्धता के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। 05 बिन्दुओं के अन्तर्गत कितने लोग 55 एलपीसीडी से कितने 55 एलपीसीडी से नीचे कितने 55 एलपीसीडी से उपर और कितने शून्य एलपीसीडी से लोग कवर हैं अर्थात लोगों को प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति कितना लीटर पेयजल उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने दोनों विभागों को फिल्ड में जाकर धरातल पर वस्तुस्थिति के अनुरूप रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने थर्ड पार्टी के सदस्यों की जल जीवन मिशन के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों की निगरानी और कार्यों की गुणवत्ता रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप् में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जिन गावों का अभीतक विलेज एक्शन प्लान बनाना तथा विलेज सैनिटैशन कमेटी का गठन करना अवशेष है वहां पर तत्काल दोनों कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि डीपीआर बनाते समय स्थानीय स्तर पर पेयजल के मल्टी स्त्रोत की स्थिति, ज्योग्राफिक कण्डिशन, जल की कुल उपलब्धता, स्त्रोत रिचार्ज की स्थिति इत्यादि विभिन्न पक्षों को ध्यान में रखकर ही डीपीआर बनायें। कहा कि गांव में केवल एक ही स्त्रोत से कनैक्शन ना लें बल्कि अलग-अलग स्त्रोतों की कैपिसिटी बढ़ाते हुए कार्य करें, जिससे पानी का संतुलित उपयोग सुनिश्चित हो सके।
जिलाधिकारी ने पम्पिंग योजना पर कम -से -कम फोकस करने और स्त्रोतों के रिचार्जिंग पर जोर देने को कहा। उन्होंने लोगों को पेयजल की गुणवत्ता, उसका संतुलित और सदुपयोग करने के सम्बन्ध में जन जागरूकता कैम्पेन चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि लोगों की योजना में सक्रिय भागीदारी व सहयोग भी लें ताकि योजना को और बेहतर और कारगर बनाया जा सके। उन्होंने विभागों को निर्देश दिये कि गांवमें जो प्लम्बर , फीटर, इलैक्टीशियन, लोेआर आदि पांरपरिक काम में सक्षम लोग हैं उनकी पहचान कर उनकी सूची उपलब्ध करायें ताकि सेवायोजन विभाग के समन्वय से उनको स्कील्ड कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्रदान कर स्किल्ड प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सके।
इस दौरान बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, अपर जिलाधिकारी प्रशासन वीर सिंह बुदियाल, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, डॉ डी.एस रावत, नितेश कौशिक, डॉ संजीव दत्ता, अधिशासी अभियन्ता मीसा सिंह, ए.पी सिंह, के सी पैन्यूली, एस.के बर्नाल, एच.सी जोशी व एस.सी तिवारी सहित सम्बन्धित सदस्य व कार्मिक उपस्थित थे।