शिंदे सरकार में विभागों का बंटवारा, अजित पवार को वित्त मंत्रालय
शिंदे सरकार में विभागों का बंटवारा, अजित पवार को वित्त मंत्रालय
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में मंत्रिपरिषद का विस्तार आखिरकार कर दिया गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच कई दिनों से चल रही मैराथन बैठकों के बीच शुक्रवार को विभागों का बंटवारा कर दिया गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, अजित पवार के आठ सहयोगियों को भी विभाग आवंटित कर दिए गए हैं, जिन्होंने दो जुलाई को मंत्री के रूप में शपथ ली थी। राकांपा के नौ नेताओं के शामिल होने के बाद महाराष्ट्र सरकार में अब 29 कैबिनेट मंत्री हैं।
जानकारी के मुताबिक, अजित पवार को वित्त और योजना विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। छगल भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग सौंपा गया है। दिलीप वाल्से पाटिल को सहकारिता, अदिति तटकरे को महिला और बाल विकास, धनंजय मुंडे को कृषि की जिम्मा दिया गया है।
इसके अलावा हसन मुशरीफ को स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय तथा अनिल पाटिल को राहत और पुनर्वास, आपदा प्रबंधन विभाग दिया गया है। बता दें कि कृषि मंत्रालय पहले मुख्यमंत्री शिंदे के पास था। इसके अलावा भाजपा नेताओं के पास स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल मंत्रालय थे। धर्मराव बाबा आत्राम को खाद्य एवं औषधि मंत्रालय और संजय बनसोडे को खेल और युवा कल्याण दिया गया है।
अदिति तटकरे के सरकार में शामिल होने के साथ पहली बार किसी महिला विधायक को एकनाथ शिंदे नीत सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिला है। उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी सरकार में तटकरे राज्य मंत्री के तौर पर कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।
इससे पहले शिंदे नीत शिवसेना के विधायकों ने अजित पवार को वित्त और योजना विभाग दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। बता दें कि एक साल पहले जब शिंदे गुट ने उद्धव से बगावत की थी उस वक्त उनके सबसे बड़े आरोपों में एक आरोप अजित पवार पर था। बागी विधायकों का कहना था कि अजित उद्धव सरकार के वित्त मंत्री है और वह सिर्फ एनसीपी विधायकों को वित्त जारी करते हैं। आरोप था कि वह शिवसेना के विधायकों के काम को तरजीह नहीं देते थे।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि कृषि एक लाभदायक व्यवसाय बन सकती है अगर आधुनिक तकनीक और मार्केटिंग के तरीकों को अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस) और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) इस प्रयास में मदद कर सकते हैं। शाह सहकारी क्षेत्र में फार्मर प्रोड्यूस ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।