परिवार के लिए मुसीबत बनकर आई दिवाली की रात

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– थल के बल्याऊं में दो मंजिला मकान जला, पांच तोला सोना जलकर हुआ राख; अगले महीने है बेटी शादी
पिथौरागढ़(। पिथौरागढ़ जिले के थल तहसील के बल्याऊं गांव के एक परिवार के लिए दिवाली की रात मुसीबत बनकर आई। यहां एक दो मंजिला मकान आग लगने से पूरी तरह जलकर खाक हो गया। बेटी के विवाह के लिए बने आभूषण और जमा किया धन भी आग की भेंट चढ़ गया। इस घटना के बीच दिवाली पर आगजगनी की घटनाओं को रोकने की तैयारी धरी रह गईं। इस घटना में पीड़ित परिवार को 65 लाख रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है। जानकारी के मुताबिक थल तहसील के बल्याऊं गांव में भूपाल सिंह मेहरा और डिगर सिंह मेहरा का दो मंजिला पुश्तैनी मकान है। भवन स्वामियों ने रखरखाव के लिए मकान को गांव के ही हयात सिंह मेहरा को दिया है। पिछले 35 साल से वह पत्नी हेमा देवी और पुत्री रेनू मेहरा के साथ इसमें रह रहे थे। जानकारी के अनुसार बीते मंगलवार रात हयात सिंह इस मकान से लगभग सौ मीटर दूर अपने खुद के मकान में दिवाली पर दीये जलाने और पूजा के लिए गए थे। इसी बीच भूपाल सिंह मेहरा के मकान में आग लग गई। कुछ ही देर में पूरे मकान को आग ने घेर लिया और दरवाजे, खिड़कियों और छत से लपटें बाहर निकलने लगीं। हयात सिंह और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे लेकिन भीषण आग के सामने किसी का बस नहीं चला। हयात सिंह अपनी आंखों से मकान को जलते देखते रहे। कुछ ही देर में पूरा मकान जलकर खाक हो गया और सिर्फ दीवारें नजर आईं। सिर्फ गोठ में बंधे मवेशियों को बाहर निकालकर बचाया जा सका।
भीतर रखे छह बोरे धान, सात बोरे गेहूं, टीवी, पंखा, चक्की, बिस्तर, बर्तन, कपड़े के साथ ही पांच तोला सोना, 10 तोला चांदी के आभूषण और नगदी जलकर खाक हो गई। सूचना के बाद दूसरे दिन बुधवार को राजस्व विभाग की टीम गांव पहुंची और घटना का जायजा लिया। राजस्व उपनिरीक्षक सुमन भंडारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना है। असल कारणों का पता लगाया जा रहा है। नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
बेटी के विवाह के लिए बनाए आभूषण चढ़े आग की भेंट: हयात सिंह की बेटी का नवंबर महीने में विवाह होना है। माता-पिता ने बेटी के विवाह के लिए रात-दिन एक कर पूंजी जमा की और इससे उन्होंने पांच तोला सोने और 10 तोला चांदी के गहने तैयार किए। विवाह की खरीदारी के लिए घर में 90 हजार की नगदी भी रखी थी। वहीं उन्होंने सामान की खरीदारी भी शुरू कर दी थी। दोनों हंसी-खुशी और उत्साह के साथ बेटी के विवाह की तैयारियों में जुटे थे। एक झटके में सभी तैयारी धरी रह गईं। अब बेटी का विवाह कैसे होगा, पीड़ित परिवार इस सोच में डूब गया है।

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