उत्तराखंड

जल जीवन मिशन की धीमी गति पर डीएम नाराज

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बागेश्वर। जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने धीमी गति पर कड़ी आपत्ति जताई है। अभियंताओं को स्वयं मिशन के कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। कार्यों की गुणवत्ता की जांच थर्ड पार्टी से कराई जाएगी। इसमें लापरवाही किसी भी स्तर की सहन नहीं होगी। कलक्ट्रेट में बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम ने कार्यदायी संस्थाओं को जल जीवन मिशन के फेज-टू के सभी पेयजल योजनाओं के टैंडर कराने के निर्देश दिए। ईई पेयजल निगम ने बताया कि जीवन मिशन के फेज-2 के अंतर्गत पेयजल निगम की 141 योजनाएं हैं, जिसमें से 140 कार्यों का टैंडर कर 120 योजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है तथा 20 योजनाओं में टैंडर कर अनुबंध की प्रक्रिया गतिमान है, जबकि एक योजना का टैंडर किया जाना है। ईई जल संस्थान द्वारा बताया गया कि जल संस्थान द्वारा 168 योजनाओं में से 156 पर टैंडर कर दिए गए है, 12 के टैंडर किए जाने हैं, जबकि 68 योजनाओं में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। शेष कार्यो के अनुबंध की कार्रवाई गतिमान है। इसी तरह सिंचाई ने बताया कि 112 योजनाओं में से 111 के टैंडर हो चुके हैं, एक योजना का किया जाना है, जबकि 65 योजनाओं में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जीवन के कार्यो में गुणवत्ता के साथ ही तेजी से कार्य किया जाए, ताकि योजना का लाभ जनता को शीघ्र से शीघ्र मिल सके। बैठक में जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, ईई जल निगम वीके रवि, जल संस्थान सीएस देवडी, सिंचाई एसएस बिष्ट, जिला पंचायत राज अधिकारी सुंदर लाल आर्या आदि मौजूद थे।

 

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