उत्तराखंड

डीएम ने जल प्रबंधन के बेहतर उपाय करने के दिए निर्र्देश

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नई टिहरी : स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) की जिला स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक लेते हुए डीएम ने जल संरक्षण के बेहतर उपाय करने के निर्देश दिए। कहा कि जल अनमोल है। धीरे-धीरे विश्व जल संकट के गंभीर दौर से गुजर रहा है। ऐसे में बेहतर प्रबंधन से ही इसका समाधान हो सकता है। जिला सभागार में शुक्रवार को आयोजित सारा की बैठक में डीएम मयूर दीक्षित ने विभिन्न विभागों व सारा के सहयोग से जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। जनपद स्तर पर चिन्हित 53 क्रिटिकल जल स्रोतों का जियो हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन कराने के भी उन्होंने निर्देश दिए। ईई लघु सिंचाई बृजेश गुप्ता को चमियाला व लंबगांव क्षेत्रांतर्गत आरगढ़ गदेरे में चेकडैम, पौधरोपण के लिए एरिया चिन्हीकरण, तकनीकी सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर विवरण उपलब्ध कराने, सभी बीडीओ को धरातलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा। ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत 26 जल स्रोत संरक्षण प्रस्तावों के डीपीआर बनाने के भी निर्देश सीडीओ अभिषेक त्रिपाठी को दिए। सभी बीडीओ को क्षेत्रों का विजिट कर क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुरूप विभागीय अधिकारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों के सहयोग से जल स्रोत संरक्षण एवं संवर्धन हेतु ठोस प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा गया। इसके साथ ही कंटूर ट्रेंचेज, रिचार्ज पिट, चाल-खाल, खंतियों के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष किये गये कार्यों को चेक करने के निर्देश दिए। उप निदेशक जलागम नवीन सिंह बरफवाल ने बताया कि जल संरक्षण ऐक्ट 2024 के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर 425 जल स्रोत, ब्लॉक स्तर पर 89 और जिला स्तर पर 53 जल स्रोतों को चिन्हित कर प्रस्ताव मिले हैं। जनपद स्तरीय 53 क्रिटिकल जल स्रोतों में से 49 की डीपीआर बनाई जानी है। डीएफओ टिहरी पुनीत तोमर ने बताया कि पेयजल निगम द्वारा चिन्ह्ति 6 जल स्रोतों में से 3 पर लगभग 80 प्रतिशत तक काम हो चुका है। इस मौके पर डीडीओ मो. असलम, ईई जल संस्थान प्रशांत भारद्वाज, पेयजल निगम केएन सेमवाल, डीपीआरओ एमएम खान मौजूद रहे। (एजेंसी)

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