डीएम के निर्देशों पर चलाया गया डेंगू के विरूद्ध अभियान
हरिद्वार। जिलाधिकारी सी0 रविशंकर के निर्देशों का पालन करते हुए डेगू के विरूद्ध अभियान के अन्तर्गत डे ऑफिसर विनोद श्रेया, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत, कलियर शरीफ के नेतृत्व में डेंगू के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के सम्बन्ध में सभी को सक्रिय करते हुये लगातार समन्वय स्थापित किया गया। अभियान से जुड़े लोगों को डेंगू के लार्वा के स्रोत और डेंगू के लार्वा को नष्ट करने तथा आवश्यक रसायन एवं कीट नाशक के बारे में जानकारी दी गयी। विनोद श्रेया के नेतृत्व में जनपद हरिद्वार के समस्त आवासीय क्षेत्रों, कबाड़ की दुकानों, धर्मशालाओं, होटलों, कार्यालयों तथा इन स्थानों पर रखे गये फ्रिज, कूलर, गमलों, ट्यूब-टायर, अन्य अनावश्यक वस्तुओं आदि में विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुये, खासकर डेंगू पॉजिटिव पाये गये व्यक्तियों के निवास स्थलों में जनपद के समस्त नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत के नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत के सहयोग से सक्रिय रूप से जन-जागरूकता सहित छिड़काव का अभियान चलाया गया और कई स्थानों पर लार्वा नष्ट किया गया, जिसमें कार्यालय अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत, कलियर शरीफ की विशेष भूमिका रही।
वृहद कार्यक्रम के तहत विभिन्न स्थानों में छिड़काव, लार्वा नष्ट करना तथा प्रचार प्रसार का कार्य किया गया। जिन-जिन स्थानों पर छिड़काव तथा लार्वा नष्ट करने की सघन कार्रवाई की गयी, उनमें से प्रमुख हैं- पीरान कलियर, इक्कड़, धनारपुर, सराय ज्वालापुर, नगर निगम हरिद्वार में ज्वालापुर, कडच्छ, कनखल तथा नगर निगम रूड़की के वार्ड नम्बर 39 (काशीपुरी) व 40 (मतलबपुर) क्षेत्रों में डेंगू मच्छर के लार्वा के सोर्स रिडक्शन, जनजागरण की कार्यवाही की गयी। इस कार्य में नगरीय व ग्रामीण निकायों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि नगर निगम रूड़की के वार्ड नम्बर 39 (काशीपुरी) व 40 (मतलबपुर) वार्डों में से कुल 56 (आवास, डेरी, मन्दिर, सैलून, दुकान, मेडिकल स्टोर, स्कूल) आदि का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान (आवास, डेरी, मन्दिर, सैलून, दुकान, मेडिकल स्टोर, स्कूल) आदि में डेंगू का लार्वा नहीं पाया गया। डेंगू का लार्वा पनपने की सम्भावित जगहों पर कीटनाशक छिड़काव तथा जन-जागरूकता अभियान चलाकर सभी ने मिशन के रूप में जिलाधिकारी के आदेशों का पालन किया, ताकि जनपद को डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से मुक्त किया जा सके।