नई दिल्ली, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को स्पेशल इंटेंसिव रीविजन और अन्य मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सांसदों को कड़ी चेतावनी देते हुए उनसे सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का आग्रह किया. सदन को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि जिस जोर से आप नारे लगा रहे हैं, उसी जोर से अगर आप सवाल भी पूछेंगे, तो यह देश की जनता के लिए फायदेमंद होगा.
उन्होंने कहा, जनता ने आपको सरकारी संपत्ति नष्ट करने के लिए नहीं भेजा है. मैं आपसे अनुरोध करता हूं और आपको चेतावनी देता हूं कि किसी भी सदस्य को सरकारी संपत्ति नष्ट करने का विशेषाधिकार नहीं है. उन्होंने सांसदों को आगाह करते हुए कहा कि अगर वे ऐसा करते रहे, तो उन्हें कुछ निर्णायक फैसलेलेने पड़ेंगे.
बिरला ने कहा, अगर आप सरकारी संपत्ति नष्ट करने की कोशिश करेंगे तो मुझे कुछ निर्णायक फैसले लेने पड़ेंगे और देश की जनता आपको देखेगी.कई विधानसभाओं में ऐसी घटनाओं के लिए सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मैं आपको फिर से चेतावनी देता हूं सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करें. यह मेरा आपसे अनुरोध है.
इस बीच हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही आज दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले आज इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने बिहार में एसआईआर के खिलाफ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.
बता दें कि 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्षी दल वोटर लिस्ट के संशोधन का विरोध कर रहे हैं. सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर संसद की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया है. इस चल रही प्रक्रिया को चुपचाप, अदृश्य धांधली करार देते हुए, इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने वोट चोरी बंद करने का आह्वान करते हुए बैनर लहराए.
एक दिन पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के भारतीय चुनाव आयोग पर लगाए गए वोट चोरी के दावों का खंडन किया.
उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता द्वारा लगाए गए पक्षपात के आरोपों को भारत के संविधान का अपमान करार दिया. साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से या तो एक हस्ताक्षरित हलफनामा प्रस्तुत करने या अपनी टिप्पणी के लिए देश से माफी मांगने भी कहा.