उत्तराखंड

कोलकाता की घटना के विरोध में चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार, ओपीडी रही ठप

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अल्मोड़ा। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के मामले में दोषियों को कड़ी सजा देने और चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग को लेकर अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय में चिकित्सक तथा कर्मचारी शनिवार को कार्य बहिष्कार पर रहे। प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखण्ड के आह्वान पर अल्मोड़ा जनपद के राजकीय चिकित्सालयों के चिकित्सक शनिवार को कार्य बहिष्कार पर रहे। जिला चिकित्सालय परिसर में चिकित्सकों ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग उठाते हुए काली पट्टी बाँध प्रदर्शन किया। कार्य बहिष्कार और धरना प्रदर्शन में चिकित्सकों ने कहा कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या शर्मनाक घटना है। उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। चिकित्सकों का कहना है कि अस्पतालों में ऐसे वाकये न हों इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहनी चाहिए। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ जिला अल्मोड़ा के अध्यक्ष डॉ मनीष पंत ने कहा कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और फिर बर्बरतापूर्ण हत्या करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों में चिकित्सकों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। संघ के जनपद सचिव डॉ जीवन सिंह मपवाल ने कहा कि कोलकाता मामले पर दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए, सरकार को चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए कार्य करने चाहिए, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के कई मामले सामने आ रहे हैं इस पर सरकार को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिए। जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों और कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते अस्पताल में पहुंचे मरीजों को बगैर जांच और उपचार के वापस घरों को लौटना पड़ा। यहाँ प्रदर्शन में सीएमएस डॉ एच सी गड़कोटी, डॉ मनीष पंत, डॉ जीवन मपवाल, डॉ सौरभ, डॉ हरीश, डॉ धीरज, डॉ मोहित, डॉ अरविन्द पांगती, डॉ कुसुमलता, डॉ हेमा, डॉ प्रियंका, डॉ प्रेरणा, डॉ अखिलेश, नर्सिंग ऑफिसर प्रेमलता, मंजू, फार्मासिस्ट बीडी साह, श्याम लाल मनराल, प्रेम हिमांशु, राजेंद्र लटवाल आदि सहित अन्य चिकित्सक व स्टाफ मौजूद रहा।

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