45 दिन में ही फेल हुआ डोनाल्ड ट्रंप का कराया सीजफायर, इन देशों में फिर छिड़ी जंग

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बैंकॉक, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनाव एक बार फिर युद्ध जैसे हालात में बदल गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में हुए सीजफायर समझौते के बावजूद थाईलैंड ने सोमवार तड़के कंबोडियाई सीमा क्षेत्रों पर एयर स्ट्राइक की। थाई सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल विंथाई सुवारी ने पुष्टि की कि विवादित सीमा क्षेत्र में हवाई कार्रवाई की गई।
दोनों देशों ने एक-दूसरे पर सीजफायर उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। थाई सेना ने बताया कि उबोन रत्चाथानी प्रांत के पूर्वी इलाके में हुई झड़पों में एक सैनिक की मौत हो गई और चार घायल हुए। सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद थाईलैंड ने स्न-16 लड़ाकू विमानों को भी तैनात कर दिया है।
यह विवाद जुलाई में लगभग पांच दिन तक चले संघर्ष के बाद शांत हुआ था, जिसके लिए ट्रंप और मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने सीजफायर करवाया था। ट्रंप अक्टूबर में कुआलालंपुर में हुए समझौते के गवाह बने थे, लेकिन यह समझौता दो माह भी नहीं टिक सका।
थाई मीडिया ‘द नेशनÓ के अनुसार, सेना ने सीमा क्षेत्रों में लगातार बढ़ते टकराव की सूचना दी है और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तत्परता से कदम उठाए हैं। रविवार को सी सा केट प्रांत के कंथारालक जिले में कंबोडियाई सैनिकों की घुसपैठ के बाद लड़ाई तेज हो गई। मेजर जनरल विंथाई ने कहा कि सोमवार सुबह करीब 5 बजे नाम युएन जिले के चोंग आन मा इलाके में कंबोडियाई सैनिकों ने छोटे हथियारों और इनडायरेक्ट-फायर हथियारों से हमला शुरू किया, जिसके बाद थाई सेना ने जवाबी कार्रवाई की।
रॉयल थाई एयर फोर्स (क्रञ्ज्रस्न) के प्रवक्ता एयर मार्शल जैक्रिट थम्माविचई के मुताबिक, एयर स्ट्राइक सुरानारी टास्क फोर्स के साथ मिलकर की गई। प्रवक्ता ने दावा किया कि कंबोडिया की गतिविधियां थाई राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और वहां काम कर रहे कर्मियों के लिए सीधे खतरे का कारण थीं।
थाई सेना का दावा है कि कंबोडियाई बलों ने भारी हथियार और लड़ाकू यूनिट्स सीमा पर तैनात कर दिए थे। थाईलैंड के अनुसार, इन कदमों ने सैन्य तनाव बढ़ाया और मजबूरन हवाई शक्ति का इस्तेमाल करना पड़ा ताकि कंबोडिया की सैन्य क्षमता को कम किया जा सके और सीमा क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

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