अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न, रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की दी प्रस्तुति
जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग की ओर से भारतीय भूगोलवेत्ताओं के संस्थान (आईआईजी) का 46वां वार्षिक अधिवेशन एवं डायनेमिक अर्थ, फैजाइल एनवायरनमेंट एंड पाथ टू क्लाइमट रेजिलिएंट सोसायटी विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सोमवार को समापन हो गया है। इस मौके पर डा. गौतम को यंग भूगोलवेत्ता अवार्ड से सम्मानित किया गया। संगोष्ठी में विवि के लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन विभाग की ओर से संस्कृति संध्या का आयोजन किया गया। इस दौरान कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कला संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. मंजुला राणा ने कहा कि भूगोल विभाग के ओर से जो अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई वह अपने आप में स्वर्णिम अवसर है। कहा कि संगोष्ठी के जो भी परिणाम हमारे सामने आएंगे वो दूरगामी होंगे। संगोष्ठी के सचिव डॉ. राकेश सैनी ने तीन दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि सम्मेलन में 200 से ज्यादा शोध पत्र प्राप्त हुए और 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। बताया कि सम्मेलन में भारत और विदेश के लगभग 40 विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल रहे। बताया कि सम्मेलन में गतिशील प्रणाली, क्रायोस्फेरिक परिवर्तन, मानसून परिवर्तनशीलता, भूमि दृश्य और परिवर्तन, उद्यमी भूगोल और जलवायु परिवर्तनशीलता और संकट सहित विविध विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। डॉ. राकेश सैनी ने कहा कि इस सम्मेलन से उत्पन्न विचार-विमर्श और सिफारिशें भारत और अन्य देशों में भौगोलिक अनुसंधान और नीतिगत चर्चा में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। इस कार्यक्रम में पहुंचे देवप्रयाग विधानसभा से विधायक विनोद कंडारी ने कहा कि वर्तमान में मानवीय हस्तक्षेप के कारण हमारा हिमालयी क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से समाज को एक नयी दिशा मिलेगी। इस मौके पर सहसंयोजक प्रो. एसएस नेगी, प्रो. बीपी नैथानी, चौरास परिसर के निदेशक प्रो. आरएस नेगी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. जय सिंह चौहान, प्रो. एचबीएस चौहान, प्रो. गुड्डी बिष्ट, प्रो.रेवानी, प्रो. विजयकांत पुरोहित, डॉ. राकेश सैनी, प्रो. एमएस जागलान, प्रो. सीमा जलान, प्रो. पद्मिनी, प्रो. सुचित्रा, सामाजिक कार्यकर्ता लखपत भंडारी, लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र के निदेशक डॉ. गणेश खुशाल गणी, उपनिदेशक डॉ. संजय पांडेय, डॉ. लता पांडे सहित आदि मौजूद थे।