हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर भारत की संस्कृति, योग और वैदिक परंपरा की महिमा का उद्घोष किया। वेटिकन सिटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेकर उन्होंने न केवल भारतीय संस्कृति की जीवंत चेतना का संदेश दिया, बल्कि विश्व समुदाय को वसुधैव कुटुंबकम की भावना से भी परिचित कराया। डॉ. पंड्या ने पोप लियो और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी सहित कई शीर्ष वैश्विक नेताओं से भेंट की। उन्होंने पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी शर्मा द्वारा रचित युग साहित्य भेंट करते हुए भारतीय योग दर्शन की सार्वकालिक प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. पंड्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति कोई सीमित परंपरा नहीं, बल्कि यह वैश्विक चेतना की वाहक है। योग इसके केंद्र में है, जो शरीर नहीं, आत्मा के विकास का मार्ग है। उन्होंने योग को मात्र व्यायाम न मानकर उसे मानवता की साधना करार दिया। कार्यक्रम में मौजूद विभिन्न देशों के नेताओं, राजनयिकों और नीति निर्माताओं ने भारतीय संस्कृति की इस आध्यात्मिक गहराई को ध्यानपूर्वक सुना। कई नेताओं ने भारत की आध्यात्मिक विरासत की मुक्तकंठ से सराहना की। डॉ. पंड्या ने अपनी मुलाकातों में आईपीयू के मानद अध्यक्ष व इटली के वरिष्ठ सांसद पियर फर्डिनांडो कासिनी, चेंबर ऑफ डिप्यूटीज के अध्यक्ष लोरेन्जो फोंटाना, इटालियन आईपीयू समूह के अध्यक्ष सहित कई अन्य सांसदों से मुलाकात कर युग निर्माण योजना, देवसंस्कृति विवि के प्रयासों और गायत्री परिवार की सेवाभावी गतिविधियों की जानकारी दी।