पेयजल कर्मचारियों ने किया जल भवन पर विरोध-प्रदर्शन

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देहरादून। जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चा से जुड़े कर्मचारियों ने जल भवन नेहरू कालोनी में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सोमवार को कर्मचारियों ने धरना देने के साथ ही नारेबाजी कर विरोध जताया। मोर्चा के बैनर तले सोमवार से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया गया। जल संस्थान और जल निगम के कर्मचारी, पेंशनर्स नेहरू कालोनी में जुटे। एक सिरे से कर्मचारियों, पेंशनर्स ने जल संस्थान के अफसरों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया। संयोजक रमेश बिंजौला ने कहा कि सरकार पेयजल के राजकीयकरण को गंभीर है। राजकीयकरण होने तक सरकार कर्मचारियों को ट्रेजरी से वेतन, पेंशन का भुगतान करना चाहती है। इसके लिए शासन स्तर से लगातार प्रयास जारी है, लेकिन जल संस्थान के अफसर निजी स्वार्थों के कारण ऐसा नहीं होने दे रहे हैं। सरकार को गलत रिपोर्ट भेजी गई है। ऐसा करने वाले अफसरों के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाया जाएगा। संयोजक विजय खाली ने कहा कि लोनिवि, सिंचाई, लघु सिंचाई समेत अन्य तमाम विभाग राजकीय है। दूसरे प्रदेशों में पेयजल तक राजकीय विभाग है। ऐसे में उत्तराखंड में क्यों पेयजल जैसे सबसे अहम विभाग को राजकीय नहीं किया जा रहा है। इससे सरकार और आम जनता दोनों को नुकसान हो रहा है। बार बार वेतन, पेंशन का संकट खड़ा होता है। कर्मचारियों को अवकाश नगदीकरण का पैसा नहीं मिल रहा है। राशिकरण की सुविधा समाप्त है। महंगाई भत्ते तक का लाभ समय पर नहीं मिलता। ऐसे में जब सरकार वेतन, पेंशन समय पर सुनिश्चित कराने को ट्रेजरी से भुगतान का विकल्प दे रही है, अफसरों के स्तर से अड़चन डाली जा रही है। ऐसा करने वालों के खिलाफ हल्ला बोल अभियान शुरू किया जाएगा। विरोध जताने वालों में संजय जोशी, महेश राम, रामचंद्र सेमवाल, धन सिंह नेगी, श्याम सिंह नेगी, शिशुपाल रावत, संदीप मल्होत्रा, आशीष तिवारी, धन सिंह चौहान, चतर सिंह, प्रदीप तोमर, बीपी भद्री, लक्ष्मी नारायण भट्ट, सौरभ बर्त्वाल, ईश्वर पाल शर्मा, नरेंद्र कुमार, हिमांशु पंत, मेहर सिंह, अमित कुमार, राजकुमार अग्रवाल, रमेश चंद्र शर्मा, मनोज सक्सैना, रमेश आर्य, पूरण जोशी, सुधीर काला, अशोक थापा, भारत सिंह रावत, कुलदीप सैनी, अशोक हरदयाल, किरण धनई, शशिबाला, कविता नेगी, संतोष पुंडीर, शांता देवी, ममता भाकुनी, निशु शर्मा, देवेंद्र गुप्ता, संजय शर्मा आदि मौजूद रहे।
21 जून से पेयजल सप्लाई ठप, सीधे हड़ताल
धरने में तय हुआ कि 16 जून तक धरना लगातार जारी रहेगा। इसके बाद भी यदि जल संस्थान की ओर से ट्रेजरी से वेतन, पेंशन भुगतान को हामी भरते हुए रिपोर्ट नहीं दी गई, तो 21 जून से पूर्ण कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश स्तर पर हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।
जीएम मुख्यालय बोले, हड़ताल का नहीं पड़ेगा असर
कर्मचारियों के आंदोलन और 21 जून से शुरू होने वाली हड़ताल पर जल संस्थान के जीएम मुख्यालय डीके सिंह ने कहा कि पेयजल सप्लाई को किसी भी सूरत में बाधित नहीं होने दिया जाएगा। हड़ताल का कोई भी असर पेयजल सप्लाई पर नहीं पड़ेगा। हर स्थिति से निपटने को सभी तरह के वैकल्पिक पुख्ता इंतजाम हैं।

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