ई-रिक्शा चालकों ने परिवहन विभाग के खिलाफ किया प्रदर्शन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : परिवहन विभाग पर शोषण का आरोप लगाते हुए ई-रिक्शा चालकों ने प्रदर्शन किया। कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम पर उन्हें रूट नंबर दो व सात में ई-रिक्शा नहीं चलाने दिया जा रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारी ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ चालान की कार्रवाई कर रहे हैं। ऐसे में ई-रिक्शा चालकों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कहा कि कुछ लोगों के बहकावे में आकर परिवहन विभाग इस तरह की कार्रवाई कर रहा है।
शुक्रवार को ई-रिक्शा चालक तहसील परिसर में पहुंचे। जहां उन्होंने परिवहन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। चालकों ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारी कहीं भी उनकी ई-रिक्शा को रोक चालान कर रहे हैं। साथ ही ई-रिक्शा को भी सीज किया जा रहा है। बताया कि इस तरह की कार्य प्रणाली से ई-रिक्शा चालकों के समक्ष समस्या खड़ी हो गई है। कई ई-रिक्शा चालकों ने किस्तों में ई-रिक्शे खरीदे हुए हैं। ऐसे में उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वर्तमान में जबकि त्योहारी सीजन चल रहा है, इस तरह की कार्यवाही ई-रिक्शा चालकों का उत्पीड़न है। तहसील में प्रदर्शन के बाद ई-रिक्शा चालक सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय पहुंचे और सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ज्योति शंकर मिश्रा से वार्ता की। एआरटीओ ने ई-रिक्शा चालकों को न्यायालय के आदेशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही मंगलवार को इस मामले में वार्ता कर मध्य का मार्ग निकालने का आश्वासन दिया। उन्होंने मंगलवार तक ई-रिक्शा चालकों को वाहन संचालन की अनुमति प्रदान की। इस मौके पर समरपाल सिंह, नसुरुदीन, जसराम, दीपक कुमार, रवि शंकर, महेंद्र, नईम, बसुदेव, अनिल, श्याम सिंह आदि मौजूद रहे। वहीं, ई-रिक्शा चालकों ने कौड़िया निवासी एक युवक के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी। कहा कि उक्त व्यक्ति ई-रिक्शा चालकों से प्रतिदिन बीस रुपये लेता है। युवक कहता है कि वह इन पैसों को आरटीओ विभाग तक पहुंचाता है। यही नहीं न्यूएंट्री के नाम पर ई-रिक्शा चालकों से 25 सौ रुपये वसूले जाते हैं।