भीषण गर्मी का असर सूखा प्राचीन प्राकृतिक जल स्रोत

Spread the love

श्रीनगर गढ़वाल : श्रीनगर-बुघाणी-खिर्सू लिंक मोटरमार्ग पर कोटचुला के पास प्राचीन प्राकृतिक जल स्रोत सूख चुका है। इस जल स्रोत से राहगीरों के साथ-साथ आस-पास के लोग अपनी प्यास बुझाया करते थे। गर्मियों में सांय के समय खिर्सू-श्रीनगर लिंक मोटरमार्ग पर लोग टहलने के लिए जाते है, ऐसे में थके हुए लोगों के लिए यह प्राकृतिक जल स्रोत प्यास बुझाता था, लेकिन बढ़ती गर्मी के साथ वह पूर्ण रूप से सुख गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता सीता राम बहुगुणा ने बताया कि वर्ष 1906 से भी पुराना यह धारा बिना रख-रखाव के कारण और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में हो रही भारी भरकम ब्लास्टिंग के कारण सूख गया है। बताया कि इस धारे से श्रीनगर-खिर्सू रोड़ पर घूमने आने वाले लोग इसका प्रयोग करते थे। लेकिन इस वर्ष अधिक गर्मी पड़ने के कारण यह प्राकृतिक जल स्रोत धीरे-धीरे सुख गया। बताया कि इससे पूर्व 2016 में इसकी साफ-सफाई कर इसे रीचार्ज किया गया था। जिसके बाद धारे ने सात सालों तक लोगों की प्यास बुझाई। बताया कि कभी पेयजल आपूर्ति न होने के चलते आस-पास के लोग इसी प्राकृतिक जल स्रोत से अपनी पेयजल की पूर्ति करते थे। सीता राम बहुगुणा ने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों के रख-रखाव के अभाव और छेड़छाड़ के चलते हमारे नौले-धारे विलुप्त होने के कगार पर आ गये है। उन्होंने शासन-प्रशासन से प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस कदम उठाये जाने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *