रुड़की। मेरे पति के दोनों पैर खराब हो गए हैं। जब हम हरिद्वार आए तो पति को कंधे पर उठाने का कोई इरादा नहीं था। लेकिन, भगवान भोलेनाथ को शायद यही मंजूर था तो फिर मैने बाबा भोले से पति को फिर से ठीक करने की मन्नत मांगी और पति को कंधे पर उठा लिया। अब चाहे जो हो घर तक पति को ऐसे ही लेकर जाऊंगी। कुछ इस तरह पक्के इरादे के साथ पति को स्वस्थ करने के लिए कंधे पर बैठाकर अपने घर के लिए रवाना हुईं आशा देवी। मोदीपुरम निवासी आशा देवी अपने पति सचिन को अपने कंधे पर बैठाकर चल रही हैं। जबकि उनका बड़ा बेटा गंगाजल हाथ में लेकर उनके साथ है। पआशा देवी ने बताया कि उनके परिवार में पति और दो बच्चे हैं। पति पहले पेंटर ठेकेदार थे। कुछ समय पहले इन्हें रीढ़ की हड्डी में दिक्कत हुई। डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए कह दिया। उसके बाद उनके दोनों पैर खराब हो गए। काफी प्रयास के बाद भी जब सचिन का पैर ठीक नहीं हुआ तो भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना की और इस साल कांवड़ लेने हरिद्वार आ गई।