उत्तराखंड

बारिश न होने से नौले-धारों में हो रहा है पानी कम

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पिथौरागढ़। बारिश न होने से नौले-धारों के जलस्तर पर भी असर पड़ रहा है। अधिकांश गांवों में नौलों के समीप सड़क निर्माण से भी नौलों के पानी के स्तर में भी कमी आई है। प्रधानमंत्री षि सिंचाई योजना में भूमिगत जल को लेकर हुई कार्यशाला में यह बात सामने आई है।
रविवार को गंगोलीहाट में स्प्रिंगशेड मैनेजमेंट को लेकर कार्यशाला हुई। कोठेरा स्थित जलस्त्रोत का निरीक्षण कर हाइड्रो जियोलजिस्ट इप्सिता रय ने बताया कि मौसम परिवर्तन का प्रातिक जलस्त्रोतों पर काफी असर पड़ रहा है। एक माह में जो वर्षा होती थी वह एक सप्ताह के भीतर ही आंकी जा रही है। खेतीबाडी न होने का असर भी प्रातिक जलस्त्रोंतो पर पड़ा है। खेतीबाडी में जो पानी भूमि के भीतर रिसकर जाता था वह वर्तमान में बह जा रहा है। नौले धारों के समीप सड़क निर्माण होने से भी पानी के जलस्तर में असर पड़ा है। इस दौरान हिमालयी क्षेत्रों में जल स्तर कम होने, भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, प्रभाव व समाधानों पर चर्चा हुई। इस दौरान अभिलाषा समिति के निदेशक ड़ किशोर कुमार पंत, पीएसआई से दीपा कौशलम, नवीन गोसाई, एक्वाडैम से कुनाल उपासनी, वैभव, पीएमकेएसवाई के सुनील कुमार सती, शुभम नाथ शामिल रहे।

 

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