दुगड्डा रामलीला : ताड़िका वध का मंचन किया

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : श्री रामलीला कमेटी दुगड्डा की ओर से आयोजित रामलीला के चौथे दिन ताड़िका वध की लीला का भव्य मंचन किया गया। श्री रामलीला को देखने के लिए क्षेत्र की भारी भीड़ उमड़ रही है।
रामलीला में प्रथम दृश्य में कृष्ण सुदामा की मार्मिक झांकी, भजन अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो, दर पे सुदामा गरीब आ गया है का मंचन किया गया। बीती रात वन में असुरों के अत्याचार से परेशान महर्षि विश्वामित्र राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को मांगने जाते हैं। राजा दशरथ राम-लक्ष्मण को गुरु विश्वामित्र के साथ भेज देते हैं। गुुरु के साथ जंगल जाते समय राम अहिल्या का उद्धार करते हैं। रामलीला का यह मंचन देख भक्त भाव विभोर हो गए। राम-लक्ष्मण वन में असुरों का संहार करते हैं। ताड़का को मारकर महर्षि के यज्ञ की रक्षा करते हैं। ताड़का वध होते ही पंडाल में उपस्थित भक्त प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाते हैं। इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। लीला को सफल बनाने में प्रदीप बडोला, नितेश ठाकुर, संजीव कोटनाला, नरेन्द्र शहनाई, वीरेंद्र शाह, बबली बिष्ट, राहुल जैन, पुष्कर रावत, सन्नी राजपूत, दीपू, अमन जैन, संदीप रावत, सौरभ आदि ने सहयोग किया।

सीता स्वयंवर से राम विवाह तक की लीला का हुआ भव्य मंचन
कोटद्वार : इंदिरानगर आमपड़ाव में चल रही रामलीला में सीता स्वयंवर का मचन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे। रामबारात निकलने से पहले सीता स्वयंवर के तहत धनुष यज्ञ तथा राम सीता विवाह का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान शिव धनुष टूटने के बाद क्रोधित होकर राजा जनक की सभा में पहुंचे भगवान परशुराम और लक्ष्मण के बीच हुए संवाद का पात्रों ने बहुत ही प्रभावशाली मंचन किया। लीला के दौरान भगवान राम ने बीच में आकर परशुराम के क्रोध को शांत करते हुए उन्हें भगवान विष्णु के अवतारी होने का परिचय दिया। इसके बाद परशुराम का क्रोध शांत हुआ और भगवान राम और सीता ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली। इस मौके पर डॉ. अजीत कुमार, संदीप नैनवाल, बलवीर सिंह नेगी, जसपाल शाह, आशाराम, विजय सिंह रावत, ओमप्रकाश कण्डवाल, रोहित अग्रवाल, मालती गौड़ आदि मौजूद थे।

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