राजस्व, फौजदारी वादों सहित विभिन्न वादों को समयान्तर्गत निस्तारित करें : डीएम
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने शनिवार को तहसील चौबट्टाखाल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने तहसील के विभिन्न पटलो के निरीक्षण में पाई गई खामियों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि राजस्व, फौजदारी वादों सहित जेडएएलआर व पीपी एक्ट के विभिन्न वादों को समयान्तर्गत निस्तारित करें। तहसील में राजस्व उप निरीक्षकों के 19 पदों के सापेक्ष 11 उपलब्ध, जबकि 8 रिक्त है। सेवा का अधिकार के तहत वर्ष 2023-24 के तहत अब तक 95 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिसमें से 92 का निस्तारण, 2 अस्वीकृत, जबकि 01 आवेदन लंबित है। इससे पूर्व जिलाधिकारी ने तहसील कार्यालय में आधा दर्जन से अधिक लोगों की समस्याओं को सुना तथा संबंधित उपजिलाधिकारी को समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिये।
डीमए ने अधिकांश राजस्व पुलिस वादों में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगी होने पर स्थिति को स्पष्ट करने हेतु एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगे चोरी संबंधी एक राजस्व वाद की फोन कॉल द्वारा पड़ताल की, जिससे पता चला कि ग्राम गोंदिया पट्टी कोलागाड निवासी बलबीर सिंह रावत द्वारा दर्ज कराए गए चोरी संबंधी वाद में राजस्व उपनिरीक्षक द्वारा वाद के निस्तारण में गंभीरता नहीं दिखाई गयी है। जिलाधिकारी ने संबंधित राजस्व उपनिरीक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही जबकि गोंदिया के ग्राम पहरी द्वारा चोरी की सूचना को तहसील तक प्रेषित करने में ढिलाई बरतने पर ग्राम पहरी के पद से हटाने के निर्देश दिए है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न कार्यालयों से प्राप्त संदर्भ में से लंबित 21 संदर्भों का समयान्तर्गत निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने लगभग 7 माह से लंबित संदर्भों का निस्तारण नहीं करने पर एसडीएम को संबंधित कानूनगों के प्रति अनुशासनात्मक कार्यवाही, जबकि कनिष्ठ सहायक को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि लंबित सभी संदर्भों का नायब तहसीलदार स्तर से निस्तारण करते हुए इसकी जानकारी का पंजिका में उल्लेख कर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। तहसील कार्यालय के स्थापना कक्ष में अधिकारियों व कार्मिकों के जीपीएफ व एनपीएस की अधूरी एंट्री व पासबुक का सत्यापन अपडेट नहीं पाए जाने पर जिलाधिकारी सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए तहसील कार्मिकों को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी डॉ. चौहान ने कंप्यूटर खाता-खतौनी की नकल संबंधी भूलेख कंप्यूटर कक्ष के निरीक्षण करते हुए एक खतौनी का प्रिंट निकलवाने के दौरान खतौनी प्रिंट से पूर्व कंप्यूटर में 7 पेज दर्शा रहा था, जबकि प्रिंट निकलने पर 15 पेज पर डेटा प्राप्त हुआ, जिस पर जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए संदेहास्पद स्थिति को स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। निरीक्षण के दौरान आपदा राहत एवं बचाव संबंधी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण डिस्चार्ज व अक्रियाशील अवस्था में पाए जाने, कार्यालय के उपकरणों को खरीदने व मेंटेनेंस में प्रोक्योरमेंट नियमावली का अक्षरश: अनुपालन नहीं करने व निर्वाचन संबंधी सामग्री को स्टॉक पंजिका में दर्ज नहीं करने पर संबंधित आरके को फटकार लगाते हुए चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपदा संबंधी सभी उपकरणों को चार्ज व सक्रिय अवस्था में रखें। उन्होंने तहसील कारागार में फैली गंदगी व हार्मफुल ऑब्जेक्ट को हटाने के निर्देश दिए। इस मौके पर एसडीएम अनिल कुमार चन्याल, तहसीलदार दिवान सिंह राणा, नायब तहसीलदार करिश्मा जोशी सहित अन्य राजस्व कर्मी उपस्थित थे।