दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस ने पुनर्विचार याचिका की दायर
देहरादून। ऋषिकेश में दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है। इससे पहले पुलिस की ओर से दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी खामियों के चलते खारिज कर दिया था। ऋषिकेश के श्यामपुर पुलिस चौकी के पास नेपाली मूल की एक महिला दो बेटियों 13 व तीन साल और नौ वर्षीय बेटे के साथ रहती थी।
15 जून 2017 को महिला घरों में कामकाज के लिए गई व बेटा ताई के यहां चला गया। बेटा जब वापस घर आया तो देखा कि बाहर से कुंडी लगी हुई थी। दरवाजा खोला तो देखा कि दोनों बहने पलंग पर बेसुध पड़ी थी। उसने फोन से अपनी मां को सूचित किया। बच्चों की मां ने पड़ोस से ही चिकित्सक को बुलाकर दोनों बच्चियों की जांच कराई तो चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने बताया था कि बच्चियों की गला घोंटकर हत्या की गई है। इसके बाद पुलिस ने कई साक्ष्य एकत्र किए और घटना वाले दिन देर शाम ही सेवादार सरदार परवान सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस को दिए अपने बयानों में परवान सिंह ने बताया था कि वह दोनों बच्चियों को अकेला देखकर घर में घुसा था। उसने पहले बड़ी बेटी के साथ दुराचार किया और गला घोंटकर उसे मार डाला।
24 अगस्त 2018 को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने परवान सिंह को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। परवान सिंह को न्यायालय दुराचार और हत्या का दोषी ठहराया था। इसके बाद परवान सिंह की ओर से हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई, जहां सबूतों के अभाव के चलते कोर्ट ने उसे बरी कर दिया। 15 जून 2020 को पुलिस ने हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जहां सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी कारणों के चलते केस की अनुमति नहीं मिल पाई। तीन फरवरी 2021 को पुलिस ने एक बार फिर पुनर्विचार याचिका दायर कर दी। एसएसपी ड़ योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में पुलिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है, जो कि अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
यूपी के बुलंदशहर में नाबालिग लड़की से गैंगरेप मामले में न्घ्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीशध्विशेष न्यायाधीश पक्सो अधिनियम ड़ पल्लवी अग्रवाल के कोर्ट ने किशोरी से गैंगरेप के मामले में मात्र 52 दिन में दोषियों को 30-30 साल की सजा और 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
विशेष लोक अभियोजक पक्सो सुनील कुमार शर्मा, कोर्ट मोहर्रिर अजय कुमार, एडीजीसी रेखा शर्मा, विजय शर्मा ने बताया कि रामघाट थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी ने 12 जनवरी को थाने पर तहरीर देते हुए बताया कि उसकी 13 वर्षीय पुत्री 11 जनवरी की शाम को अपनी तहेरी बहने के साथ पड़ोस में ही पशु बंधवाने के लिए गई थी। अंधेरा होने के कारण वह टार्च लेकर खड़ी थी। तभी गांव निवासी वीरेश पुत्र शीशपाल और गीतम पुत्र बिन्नामी ने उसकी पुत्री को पीटे से आकर दबोच लिया और उसे उसे झोपड़ी में ले गए। झोपड़ी में दोनों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपी हत्या की धमकी देकर वहां से फरार हो गए। घर पर पहुंच कर किशोरी ने मामले की जानकारी परिजनों को दी। पुलिस ने मामले में तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।