उत्तराखंड

अल्मोड़ा में दशहरा पर्व की रही धूम, ढोल-नगाड़ों के साथ निकले रावण परिवार के पुतले

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अल्मोड़ा। दशहरा पर्व पर अल्मोड़ा में धूम रही। नगर में ढोल नगाड़ों के साथ रावण परिवार के पुतलों का जुलूस निकाला गया। सांस्तिक नगरी अल्मोड़ा का दशहरा विश्वविख्यात माना जाता है। अल्मोड़ा के दशहरे का अलग ही अंदाज है। यहाँ का दशहरा देखने देश विदेश से पर्यटक आते हैं। इस वर्ष भी दशहरा महोत्सव विगत वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार ही मनाया गया। नगर के सभी मोहल्लों से बनाए गए रावण परिवार के पुतले सर्वप्रथम नगर पालिका पार्किंग पर एकत्र हुए। जहाँ से पुतलों को ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस की शक्ल में पूरे बाजार में घुमाया गया। बाजार से जुलूस के बाद पुतलों का दहन एसएसजे परिसर के जूलजी विभाग के प्रांगण में हुआ। विगत वर्ष तक पुतलों का दहन स्थानीय स्टेडियम में होता था परन्तु इस वर्ष स्टेडियम में निर्माण कार्य होने के चलते वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कलेज के जूलजी प्रांगण में पुतला दहन हुआ। स्थान की कमी के चलते इस वर्ष पुतलों की संख्या भी कम रही। जहाँ पिछले वर्ष तक रावण परिवार के दो दर्जन से अधिक पुतले बनते थे वहीं इस वर्ष यह संख्या 15 पर सिमट गई है। अल्मोड़ा का दशहरा हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल है, यहाँ महीने भर पहले से हिन्दू के साथ मुस्लिम युवा मिलकर पुतलों का निर्माण करते हैं। अल्मोड़ा का दशहरा पहाड़ की संस्ति की पहचान है एक पुतले के शुरू हुआ दशहरा आज दो दर्जन से अधिक पुतलों तक पहुंच गया था वर्तमान वर्ष में स्थान की कमी के चलते यह संख्या 15 रही। पहले के समय में अल्मोड़ा में बिजली की व्यवस्था नहीं थी, तब मशालों से अल्मोड़ा के बद्रेश्वर में रामलीला की शुरुआत की गई थी। पहले रावण का ही पुतला बनता था फिर समय के साथ पुतलों की संख्या बढ़ती गई और आज लगभग सभी मोहल्लों में रावण परिवार के पुतले बनते हैं। प्रशासन भी इस दशहरा महोत्सव को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रहा है। अल्मोड़ा का दशहरा महोत्सव को देखने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी लोग यहां पहुंचते हैं। इस वर्ष दशहरा पर्व पर पुतला दहन का कार्यक्रम कलेज परिसर में तथा सांस्तिक कार्यक्रम जीआईसी मैदान में हुए। दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अजीत कार्की ने बताया कि अगले वर्ष से यदि सड़क बन गई तो दशहरे के सभी कार्यक्रम जीआईसी अल्मोड़ा के मैदान में होंगे। पुतलों के निर्माण को दशहरा महोत्सव समिति द्वारा 3100 रूपये की आर्थिक सहायता पुतला निर्माण हेतु दी गई थी। दशहरा महोत्सव में समिति द्वारा पुतलों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार भी दिए गए। दशहरा महोत्सव में रावण, त्रिसरा, देवांतक, ताड़का, खर, मारिच, मकरासुर,अक्षय कुमार, दूषण, अतिकाय, कालकासुर, मेघनाथ, अहिरावण, मायासुर आदि पुतले जुलूस के रूप में निकले। महोत्सव में भगवन श्रीराम का डोला भी मौजूद रहा। यहाँ दशहरा महोत्सव में समिति अध्यक्ष अजीत कार्की, सचिव वैभव पांडे, विधायक मनोज तिवारी, रंगकर्मी प्रकाश बिष्ट, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान, पूर्व पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी, डीसीबी अध्यक्ष ललित लटवाल, संयोजक हरीश कनवाल सहित गणमान्य व्यक्ति, जनप्रतिनिधि एवं भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।

 

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