लीज वाटरफॉल की, अन्य लोगों से भी लिया जा रहा शुल्क
नैनीताल। नैनीताल जिले कोश्या कुटोली तहसील के अंतर्गत कुलगाढ़ के ढोकाने में वाटरफाल के नाम पर गलत तरीके से शुल्क वसूला जा रहा है। आरोप है कि वाटरफॉल जिस शख्स को केएमवीएन ने लीज पर दिया है, उसने वहां गेट बनवाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया है और वह होमस्टे में जाने वाले पर्यटकों से भी वाटरफॉल देखने का शुल्क वसूल रहा है। बता दें कि ढोकाने झरना कुलगाढ़ ग्रामसभा में स्थित है यह प्राकृतिक झरना पर्यटकों के आकर्षण केंद्र है। इस झरने को जाने वाला रास्ता तथा भगवंत कुमार के होमस्टे को जाने वाला रास्ता एक ही है तथा इस रास्ते पर गेट लगाकर जाने वाले लोगों से 100 रुपया शुल्क लिया जा रहा है। शिकायतकर्ता भगवंत कुमार ने वाटरफाल के समीप अपनी भूमि पर स्वरोजगार के लिए ऋण लेकर 20 लाख की लागत से रेस्टोरेन्ट व होम स्टे का निर्माण किया है तथा कुमाऊँ मंडल विकास निगम ने जिस ठेकेदार को लीज दी है, वह होमस्टे में आने वाले पर्यटकों से भी झरने को देखने का शुल्क ले रहा है जिससे भगवंत कुमार के होमस्टे का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। मामले में शिकायत होने पर तहसीलदार की जांच के बाद एसडीएम ने गेट हटाने का आदेश देते हुए रिपोर्ट डीएम को भेज दी थी। तहसीलदार की जांच रिपोर्ट के अनुसार, यहां पहुंचने का रास्ता वाटरफाल जाने वाले रास्ते से होकर जाता है, मगर केएमवीएन ने ठेकेदार ने रास्ते में गेट लगा दिया है और प्रति व्यक्ति 100 रुपये प्रवेश शुल्क ले रहा है। होमस्टे संचालक ने इस सम्बन्ध में सिविल न्यायालय नैनीताल में इस सम्बन्ध में वाद दायर किया था जहाँ सिविल जज सविता चमोली ने भी होमस्टे में आने वाले लोगों से झरना देखने का शुल्क नहीं लेने के आदेश दिए थे, लेकिन भगवंत कुमार का कहना है कि होमस्टे में आने वालों से फिर भी शुल्क लिया जा रहा है। वहीं ग्राम प्रधान कुमोली तरुण कांडपाल का कहना है कि ढोकाने वाटरफॉल को लीज पर लेने वाले व्यक्ति सौरभ चौहान ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्ज़ा किया है जिसकी शिकायत उन्होंने प्रशासन से की है। साथ ही उनका यह भी कहना है कि कुमाऊं मंडल विकास निगम ने यह जमीन लीज पर दी है लेकिन वह इस जमीन के कागज नहीं दिखा पा रहे हैं और जब दस्तावेज ही नहीं हैं तो किस आधार पर ढोकाने वाटरफॉल लीज पर दे दिया।