आर्थिक राहत पैकेज से प्रदेश के पर्यटन को मिलेगी रफ्तार

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देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संकट के कारण मंद पड़ी पर्यटन उद्योग की रफ्तार अब तेज होगी। प्रदेश की धामी सरकार की ओर से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों के लिए घोषित करीब दो सौ करोड़ का आर्थिक राहत पैकेज इस दिशा में संजीवनी का काम करेगा। अब जबकि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है तो पर्यटन विभाग को भी चाहिए कि वह यह राशि जल्द से जल्द लाभार्थियों के बैंक खातों में आर्थिक सहायता राशि भेजना शुरू करे। इससे उन्हें अपने कारोबार को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। यह किसी से छिपा नहीं है कि उत्तराखंड में पर्यटन यहां की आर्थिकी से जुड़ा महत्वपूर्ण अंग है। सामान्य परिस्थितियों में प्रतिवर्ष ही साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग देश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचते हैं। इनमें करीब 46 फीसद तो बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब के साथ ही हरिद्वार, ऋषिकेश समेत अन्य स्थलों में तीर्थाटन के लिए आते हैं। इस सबको देखते हुए ही सरकार ने राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। इसका फायदा भी मिला है और बड़े पैमाने पर लोग होटल, परिवहन, साहसिक खेल समेत अन्य गतिविधियों से जुड़े हैं। लेकिन, पिछले दो साल से कोरोना संकट के कारण पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसे देखते हुए सरकार ने पर्यटन व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों को आर्थिक राहत पैकेज दिया है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन उद्योग को गति देने के लिए प्रदेश सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में तेजी से आती कमी के बीच यात्रियों की पसंद और व्यवहार में बदलाव आया है। इस परिवर्तन को स्वीकार करते हुए और इसे एक अवसर के रूप में परिवर्तित कर हमें अन्य पहलुओं पर भी फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हितधारकों को वित्तीय सहायता देने की सरकार की पहल के सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं।

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