मंत्री सुजीत बोस के कार्यालय समेत 10 ठिकानों पर ईडी का छापा

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नगर पालिका के पूर्व अधिकारियों के घरों पर भी रेड
कोलकाता , बंगाल में चुनावी बिगुल बजते ही सियासत का पारा चढ़ गया है। वहीं उक्त पारे में तल्खी आज तब आ गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में दो अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में राज्य के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस के कार्यालय सहित 10 स्थानों पर एक साथ कोलकाता नगर निगम के पूर्व अधिकारियों के घरों पर भी छापेमारी की। ये छापे कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में जारी हैं।
यह कार्रवाई नगर निकायों में भर्ती से जुड़ी कथित गड़बड़ियों की जांच के तहत की गई है। सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीमों ने बोस के साल्टलेक स्थित आवास और कार्यालय के अलावा दमदम नगर पालिका से जुड़े कुछ पूर्व अधिकारियों के घरों पर भी तलाशी ली।
ईडी की कार्रवाई जिन दो मामलों में की जा रही है, उनमें से एक नगरपालिकाओं में नौकरी के बदले नकद घोटाले से संबंधित है, जबकि दूसरा बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से जुड़ा है। एजेंसी की एक टीम ने उत्तर कोलकाता के साल्टलेक स्थित मंत्री सुजीत बोस के कार्यालय में भी छापेमारी की, जो नगरपालिकाओं में भर्ती अनियमितताओं के मामले से जुड़ा बताया जा रहा है। इसके अलावा, दक्षिण कोलकाता के न्यू अलीपुर, सरत बोस रोड के साथ ही कोलकाता के उत्तरी हिस्से नागेरबाजार में भी ईडी की टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं। न्यू अलीपुर में कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक प्रख्यात अधिवक्ता के आवास पर भी छापा मारा गया है। प्रत्येक टीम के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। यह पहला मौका नहीं है जब मंत्री सुजीत बोस के परिसरों पर ईडी ने छापा मारा हो। इससे पहले जनवरी, 2024 में भी ईडी ने उनके घर और कार्यालय पर एक साथ छापेमारी की थी, जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ और उनका मोबाइल फ़ोन जब्त किया गया था। नगरपालिका भर्ती घोटाले से जुड़े इन छापों के बीच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी इसी मामले में अपनी समानांतर जांच के तहत नया आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, इस मामले में एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति के पुत्र से पूछताछ की गई है, हालांकि उसका नाम अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। सीबीआई की जांच उसी प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया गया था। अदालत ने ईडी की उस दलील को स्वीकार किया था कि भर्ती घोटाला केवल शिक्षकों की नियुक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पश्चिम बंगाल की नगरपालिकाओं में विभिन्न पदों पर भर्ती तक फैला हुआ है। सीबीआई की जांच उसी प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया गया था। अदालत ने ईडी की उस दलील को स्वीकार किया था कि भर्ती घोटाला केवल शिक्षकों की नियुक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पश्चिम बंगाल की नगरपालिकाओं में विभिन्न पदों पर भर्ती तक फैला हुआ है। इधर दमकल एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनसे जुड़े परिसरों पर की गई हालिया छापेमारी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले की गई एक चाल करार दिया। मंत्री ने अपना तीखा रुख बरकरार रखते हुए संवाददाताओं से कहा, जनता ही मेरा प्रमाण पत्र है। बोस ने कहा, वे हर बार चुनाव से पहले ऐसा करते हैं। वे मेरे घर, मेरे कार्यालय – हर जगह आते हैं। उन्होंने पहले भी छापेमारी की थी और कुछ नहीं मिला था। वे चुनाव से पहले दबाव बनाने के लिए ऐसा करते हैं।
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