उत्तराखंड

स्कूलों में बच्चों को नशे के दुष्परिणाम बताएं

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बागेश्वर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जयेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रत्येक स्कूल में एंटी ड्रग कमेटी का गठन करके नशे के दुष्परिणाम की जानकारी दें। किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश रिजवान अंसारी ने कहा कि बच्चों के हितों को ख्याल में रखते हुए उन्हें उचित मार्ग दर्शन करें। अभिभावक भी बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें तथा पुलिस संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करें। तहसील सभागार में मासिक समीक्षा बैठक में विगत बैठक की समीक्षा की। संचालन करते हुए जिला परीविक्षा अधिकारी संतोष जोशी ने बताया कि जनपद में फैसिलिटी सेंटर के लिए 5़75 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा है। बच्चों को नशे के दुष्परिणाम परिणाम पर चिंता व्यक्त करते हुए प्राधिकरण के सचिव ने कहा कि बच्चों को स्कूल में नशे के दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए उनकी काउंसलिंग करें। उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक को स्मैक और अन्य नशीले पदार्थ की तस्करी पर रोक के आदेश दिए। उन्होंने व्यापार संघ के साथ बैठक करके किशोर को तंबाकू और नशीले पदार्थ नहीं देने और तंबाकू उत्पादों को दुकानों में सजा कर नहीं रखने की कार्रवाई के आदेश दिए। किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष व प्रधान न्यायाधीश रिजवान अंसारी ने कहा कि जिन स्थानों पर बच्चों के नशे लेने की सूचनाएं आती हैं उन स्थानों का औचक निरीक्षण किया जाय। स्मैक पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर विशेष अभियान चलाने को कहा। उन्होंने इसके लिए अभिभावकों को भी जागरूक करने को कहा। बैठक में बाल श्रम रोकने व कार्य के दौरान माता-पिता के मजदूरी के दौरान ठेकेदार को बच्चों की सुरक्षा हेतु स्थान चयनित कराने के नियम का पालन करने को कहा। बैठक में पुलिस उपाधीक्षक अंकित कंडारी, अशोक कुमार, शिवराज राणा, कोतवाल कैलाश नेगी, सीईओ के प्रतिनिधि दीप जोशी समेत विभिन्न थानाध्यक्ष समेत समाजसेवी उपस्थित थे।

 

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